09 मई 2023

ये कहानी सिर्फ़ केरल की नहीं, ये कहानी आपके शहर, आपके गांव और मोहल्ले की भी है। #TheKeralaStory

जो दर्शक आज  #TheKeralaStory  देख कर बाहर निकले तो उनके आंखो में आंसू थे। उनमें से अधिकतर लड़कियां थीं। उनमें से एक ने कहा कि उसके कोचिंग के बाहर कुछ लड़के रोज़ आते हैं । अपनी बहन को पिक अप करने के बहाने और उनमें से कई लड़कों ने उसकी कोचिंग की लड़कियों को फंसा लिया है। उसे भी एक लड़के ने "राहुल" नाम से प्रपोज किया था। लड़की ने समय मांगा था। फिर कोचिंग की ईद की छुट्टी हो गई लेकिन ईद वाले दिन उसने उसे "किसी का भाई किसी की जान" के टिकट फ्री में बांटते देखा। वो तब अपने असली गेट अप में था। ना हाथ में कलावा था, ना भगवा गमछा, सर पर सफेद टोपी थी और माथे पर काला निशान, आंखों में सुरमा और सफेद कुर्ता पैजामा..नाम था "राशिद"। उसका भाई आज उसे फिल्म दिखाने ना आता तो भी उसे सच पता चल गया था लेकिन फिल्म ने "कारण" भी बताया और ये भी दिखाया कि अगर वो "हां" बोल देती तो द केरल स्टोरी जैसा ही कुछ लखनऊ में भी हो जाता। वो कल अपने बर्थडे पर अपनी सारी सहेलियों को ये फिल्म अपने पैसे पर दिखाने लाएगी। 
ये उसकी ओर से सबसे सही "ट्रीट" होगी.!
ये कहानी सिर्फ़ और सिर्फ़ केरल की नहीं..
ये कहानी आपके शहर,आपके मोहल्ले की भी है..
"राहुल" का मुखौटा ओढ़े राशिद हर कोचिंग और स्कूल के बाहर घात लगाए टहल रहे हैं। हेयर ड्रेसर से लेकर मेहंदी लगाने वाले "राज"भी हैं और यूनीसेक्स जिम के ट्रेनर भी "समीर" ही हैं। फल वाले,जूस वाले "अमन" भी,और पंचर के साथ, बाइक स्कूटी मकैनिक "समर" भी!।
"राहुल","राज","समीर","समर","अमन" जैसे नामों के पीछे छिपे राशिद,साकिब,सैफ,अब्दुल के बारे में अपनी बेटियों,बहनों,भांजियों,भतीजियों,नतिनी,पोती को जागरूक करना है,तो अवश्य इस फिल्म को दिखाएं..

स्मरण रखिए मित्रों,
एक एक बेटी जागरूक होगी
तो एक पूरी पीढ़ी जागरूक होगी..🚩

और याद रखिए,
हर राहुल,"द्रविड़" नहीं होता..
"गांधी" और "ख़ान" भी हो सकता है.!
ये कहानी सिर्फ़ और सिर्फ़ केरल की नहीं..
ये कहानी आपके शहर,आपके मोहल्ले की भी है..

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