18 अक्टूबर 2025

क्या ताजमहल सचमुच शिव मंदिर तेजोमहालय है जानिए ताजमहल का रहस्य

नमस्कार दोस्तों, स्वागत है आपका
आज हम बात करेंगे भारत की एक ऐसी विवादित इमारत के बारे में, जो दुनिया के सात अजूबों में से एक है – जिसका नाम है ताजमहल। 

क्या आप जानते हैं कि इस खूबसूरत इमारत के पीछे कौनसा विवाद छुपा हुआ है ? जिसकी आज हर कही चर्चा हो रही है। एक ऐसा विवाद जिसके बारे में बहुत कम लोगों को जानकारी है। 
क्या ताजमहल सचमुच शाहजहाँ का बनाया हुआ मकबरा है, या प्राचीन शिव मंदिर , जिसे प्राचीन काल में "तेजोमहालय" के नाम से जाना जाता था? तो आज हम इसी रहस्य से पर्दा उठाने की कोशिश करेंगे और समझेंगे इस विवाद के बारे में विस्तार से ।”

इतिहासकारों के अनुसार ताजमहल का निर्माण 1632 ईस्वी में शाहजहाँ ने अपनी पत्नी, मुमताज़ महल की याद में कराया था। यह आगरा में यमुना नदी के किनारे स्थित है और सफेद संगमरमर के पत्थरों से बना हुआ है। सफेद संगमरमर के पत्थरों से बनी यह इमारत, अपनी बारीक नक्काशी और खूबसूरती के लिए पूरी दुनिया में मशहूर है। यूनेस्को ने भी इसे विश्व धरोहर में शामिल किया है।
[तेजोमहालय विवाद]
आइए अब बात करते हैं उस विवाद के बारे में, जिसमें कहा जाता है कि ताजमहल असल में एक प्राचीन शिव मंदिर था – जिसे तेजोमहालय के नाम से जाना जाता था।
कुछ इतिहासकारों और शोधकर्ताओं का दावा है कि यह इमारत पहले से ही शिव मंदिर तेजोमहालय था। उनका कहना है कि इसमें मंदिर जैसी संरचनाये, गुप्त कक्ष और हिंदू प्रतीकों के निशान आज भी मौजूद है और देखे भी जा सकते हैं।
इस विषय पर कई याचिकाएँ अदालत में भी डाली गईं, लेकिन अभी तक कोई ठोस निर्णय सामने नहीं आया है जो इसे पूरी तरह मंदिर या पूरी तरह मकबरा साबित कर सके।
तेजोमहालय समर्थक कहते हैं कि— ताजमहल के अंदर बंद कमरे हैं, जिनमें शिवलिंग और हिन्दू चिन्ह हो सकते हैं। इसमें कुछ वास्तुशिल्प, राजपूती और हिन्दू मंदिर शैली में मिलते हैं। पुराने दस्तावेज़ों और किताबों में भी इसे तेजोमहालय के नाम से उल्लेखित किया गया है।”
[सच्चाई और निष्कर्ष]
दोस्तों, ताजमहल भारत की शान है। लेकिन अभी यह जांच का विषय है कि ताजमहल शाहजहाँ का मकबरा है या प्राचीन शिव मंदिर तेजोमहालय ? क्योंकि इसकी जांच अभी भी जारी है।
इसमें कोई संदेह नहीं कि यह हमारी संस्कृति और इतिहास की अनमोल धरोहर है। इतिहासकारों के लिए यह रिसर्च का विषय हो सकता है, लेकिन हमारे लिए यह गर्व की बात है कि भारत की भूमि पर इतनी महान इमारत खड़ी है। 
जैसा कि आपको पता है कि भारतवर्ष पर सैकड़ों सालों तक मुगलों का राज रहा है इसलिए इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता है कि मुगलों ने प्राचीन मंदिर को कब्जा कर लिया हो और उसका नाम बदलकर ताजमहल कर दिया हो। 
“इसलिए ताजमहल और तेजोमहालय को लेकर विवाद जारी है। एक ओर यह प्रेम का प्रतीक माना जाता है, तो दूसरी ओर इसे प्राचीन मंदिर बताने वाले भी हैं। लेकिन सच क्या है, इसका फ़ैसला इतिहास के गहरे शोध से ही हो सकता है।” असली मायने यह है कि यह इमारत हमारी संस्कृति और स्थापत्य कला का अनमोल रत्न है। 
तो आपके अनुसार, ताजमहल प्रेम का प्रतीक है या शिव मंदिर तेजोमहालय ? कमेंट में ज़रूर बताइए।”

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06 जुलाई 2025

महिला और पुरुष दोनों को मिलेंगे 3000 रुपये प्रतिमाह जल्दी करें आवेदन


अगर आप श्रमिक है और 60 वर्ष की उम्र के बाद आर्थिक तंगी से जूझना नहीं चाहते हैं तो ई-श्रम कार्ड पेंशन योजना (E Shram Card Pension Yojana) आपके लिए बहुत ही उपयोगी हो सकती हैं । जी  हाँ दोस्तों केंद्र सरकार द्वारा देश के करोडो श्रमिकों और मजदूरों को सामाजिक सुरक्षा देने के लिए ये योजना चलाई जा रही है। 

इस योजना का उद्देश्य क्या है आइये जानते है 
इस  योजना का मुख्या उद्देश्य ६० वर्ष से अधिक उम्र वाले लोगो की आर्थिक मदद करना है जो बढ़ती उम्र के बाद काम करने की स्थिति में नहीं होते है।  खासकर बुजुर्गो के लिए ये योजना एक वरदान से कम नहीं है. यह योजना वृद्धावस्था में उनके खर्चो को सम्भलने में मदद करती है और उनको आर्थिक और सामाजिक सुरक्षा प्रदान करती है।  ताकि वृद्ध मजदुर अपने जीवन के अंतिम पड़ाव को सम्मानपूर्वक जी सके। 
ई श्रम कार्ड पेंशन योजना के लिए पात्रता क्या है आइये जानते है। 
इस योजना में पात्रता की शर्ते निम्नानुसार है - 
  • ऐसे व्यक्ति जिनकी उम्र ६० वर्ष या उससे अधिक है।  
  • उनकी मासिक आय १५००० से अधिक नहीं है। 
  • भारतीय नागरिक हो और असंगठित क्षेत्र में कार्य करते हो। 
  •  उनके पास वैध ई श्रम कार्ड हो। 
ऐसे लोग जो पहले से किसी सरकारी अन्य सरकारी पेंशन योजना  का लाभ नहीं ले रहे है , उन्हें इस योजना में प्राथमिकता जाएगी।  साथ ही महिला या पुरुष दोनो को इस योजना में समान रूप से शामिल किया जायेगा।  
ई श्रम कार्ड पेंशन योजना के लिए आपके पास क्या क्या दस्तावेज होना अनिवार्य है आइये जानते है -
ई श्रम कार्ड पेंशन योजना के लिए आपके पास निम्न दस्तावेज होना चाइये -
  • आधार कार्ड 
  • पासपोर्ट फोटो 
  • बैंक पास बुक 
  • मोबाइल नंबर 
  • मूल निवासी और आय का प्रमाण पत्र 

आइये जानते है की आप इस योजना में आवेदन कैसे कर सकते हो -
  • इस योजना में आवेदन करने के लिए सबसे पहले इसके आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा। 
  • इसकी वेब साइट पर पंजीकरण को क्लिक करके अप्लाई नाउ पर क्लिक करे। 
  • अब एक आवेदन फॉर्म खुल जायेगा , इस आवेदन फॉर्म में अपनी समस्त जानकारी भर दीजिये जैसे, नाम , आधार कार्ड, मोबाइल नंबर , उम्र आदि जानकारी भर दीजिये।  
  • अब अपने सभी जरुरी दस्तावेज इसमें उपलोड कर दीजिये।  
  • अब सबमिट पर क्लिक कर दीजिये।  
  • इस प्रकार आपका ई श्रम कार्ड पेंशन योजना का फॉर्म जमा हो जाएगा।  
इस प्रकार आप ६० वर्ष की उम्र के बाद ३००० रुपये प्रतिमाह के रूप में इस पेंशन योजना का लाभ ले सकते है।
इसी प्रकार की जानकारियों को प्राप्त  करने के लिए इस पेज को फॉलो करे और अपने दोस्तों को भी शेयर करे।    

10 जून 2025

अब समझ आया... वो तीर असल में विज्ञान था

"अब समझ आया... वो तीर असल में विज्ञान था!"
बचपन में जब मैं रामायण और महाभारत जैसे धारावाहिक देखता था, तो युद्ध के दृश्य मेरे मन को रोमांच से भर देते थे। रंग-बिरंगे तीर, एक-दूसरे से टकराते हुए… रथों का टूटना, धनुषों का कटना, और पृष्ठभूमि में गूंजती दिव्य चौपाइयाँ – वो सब किसी जादू से कम नहीं लगता था।

तब सोचा करता था– क्या ये सब केवल कल्पना है? अलंकार मात्र?

पर आज… जब मैंने D4 एयर डिफेंस सिस्टम और ऑपरेशन सिंदूर में ‘तीर से तीर’ यानी मिसाइल से मिसाइल को टकराकर हवा में ही खत्म होते देखा — मेरी आंखें भर आईं… क्योंकि मेरे धर्मग्रंथ अब कल्पना नहीं, साक्षात् सत्य लगने लगे।

आज जब मैं भारत के रक्षा कवच को देखता हूँ, तो मुझे सिंहिका की याद आती है — रामायण की वो राक्षसी जो आकाश मार्ग से जाने वाले प्राणियों की छाया पकड़ती थी। क्या ये समुद्र के नीचे रावण द्वारा स्थापित एयर डिफेंस सिस्टम नहीं था?

और लक्ष्मण रेखा? क्या वह अदृश्य लेज़र बीम प्रोटेक्शन जैसा नहीं था? जो दिखाई नहीं देता था, लेकिन कोई पार करता तो जलकर भस्म हो जाता!
महाभारत में संजय द्वारा धृतराष्ट्र को युद्ध का आंखों देखा हाल सुनाना — क्या वो किसी आधुनिक लाइव ब्रॉडकास्ट या सैटेलाइट फीड से कम था?

सच कहूं, आश्चर्य इस बात पर नहीं होता कि वो सब तकनीकें थीं...
आश्चर्य इस बात पर होता है कि जब पश्चिम के लोग गुफाओं में रहते थे, तब मेरे पूर्वज मिसाइल डिफेंस सिस्टम और एयर वॉर टेक्नोलॉजी इस्तेमाल कर रहे थे।
अब तो गर्व होता है — हर चौपाई, हर श्लोक, हर रेखा पर।
मेरे धर्मग्रंथ केवल आध्यात्मिक नहीं, वैज्ञानिक भी हैं।
और मेरे पूर्वज — केवल ऋषि नहीं, ब्रह्मज्ञानी वैज्ञानिक भी थे।

गर्व है मुझे — अपने सनातन धर्म पर, अपनी संस्कृति पर, और उन ग्रंथों पर जिन्हें आज की वैज्ञानिक आँखें भी झुककर नमन करते हैं।

🚩 जय श्रीराम।
जय सनातन।
जय महाकाल। 🚩

26 फ़रवरी 2025

सोमनाथ मंदिर, ज्योर्तिलिंग और उसके रहस्य 🚩 विज्ञान भी हैरान

Somnath Mandir ke Rahasya भगवान शिव के द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से सबसे प्रथम ज्योतिर्लिंग सोमनाथ को माना गया है। सोमनाथ मन्दिर वर्तमान में गुजरात राज्य के काठियावाड़ क्षैत्र में स्थित हैं। इस मंदिर पर कई बार हमले हुए और इसकी संपत्ति को लूटा गया है। प्रथम बार महमूद गजनवी ने सन् 1025 में मन्दिर पर आक्रमण किया था और मन्दिर की सम्पत्ति को लूटकर इस मन्दिर को नष्ट कर दिया था।
जिसके बाद इस सोमनाथ मंदिर को मुस्लिम आक्रांताओं ने कुल 17 बार आक्रमण किए और इसकी संपत्ति को लूट कर मंदिर तुड़वाया तथा हर बार हिन्दू राजाओं ने इसका पुनः निर्माण कराया।
आइए जानते हैं सोमनाथ मंदिर (Somnath Mandir) के रहस्य के बारे में 
सोमनाथ मन्दिर का वास्तु और शिल्प अद्भुत है। मान्यताओं के अनुसार सृष्टि के प्रथम वास्तुविद भगवान विश्वकर्मा स्वयं ने इसकी संरचना तैयार की। इस मन्दिर में हवा में तैरता प्राचीन शिवलिंग था जो चुम्बकीय गुण के कारण हवा में तैरता था। जो आज भी विज्ञान की पहुंच से दूर है। मन्दिर की दीवारों में धातुओं की इस प्रकार परत लगाई गई की शिवलिंग चुम्बकीय शक्ति के कारण हवा में तैरता था। एक और रहस्य है वो बाण स्तम्भ जिसको लेकर विज्ञान आज भी अचंभित है।
सोमनाथ मन्दिर के दक्षिण में समुद्र किनारे एक स्तंभ है जिसे बाण स्तम्भ कहा जाता है। यह स्तंभ अति प्राचीन है । छठी शताब्दी में बाण स्तम्भ का उल्लेख मिलता हैं। इस बाण स्तम्भ के ऊपर पृथ्वी की मूर्ति और एक तीर रख कर संकेत किया गया है कि सोमनाथ मन्दिर और दक्षिण ध्रुव के बीच पृथ्वी का कोई भूभाग नहीं है। “आसमुद्रान्त दक्षिण ध्रुव पर्यत अबाधित ज्योतिर्मार्ग ”
इस स्तम्भ को बाण स्तम्भ कहते हैं। 
आखिर कैसे हमारे ऋषियों मुनियों ने हजारों वर्ष पहले ध्रुवों और पृथ्वी की संरचना के बारे में जान लिया था। कितना समृद्ध ज्ञान रहा होगा उस समय । जो आज के विज्ञान से कितना आगे था। यहीं सनातन संस्कृति की विशालता है। आज सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या उस काल में भी लोगों को यह जानकारी थी कि दक्षिण ध्रुव कहा है और धरती गोल हैं। कैसे उन लोगों ने इस बात का पता लगाया होगा कि बाण स्तम्भ के सीध में कोई बाधा नहीं है। आज के युग में तो यह विमान और सेटेलाइट के माध्यम से ही पता लगाया जा सकता हैं।
अब दक्षिणी ध्रुव से भारत के पश्चिमी तट पर बिना किसी बांधा के जिस स्थान पर सीधी रेखा मिलती हैं, वहा ज्योतिर्लिंग स्थापित है। जिसे भारत के द्वादश ज्योतिर्लिंगों में पहला माना जाता हैं। इस बाण स्तम्भ पर लिखें श्लोक की अन्तिम पंक्ति —

अबाधित ज्योतिर्मार्ग” भी किसी रहस्य से कम नहीं है। क्योंकि अबाधित और मार्ग तो समझ में आता है लेकिन ज्योतिर्मार्ग क्या है यह आज भी विज्ञान के लिए एक बड़ा रहस्य बना हुआ है। 

तो दोस्तों श्री सोमनाथ मंदिर के बारे में जानकारी कैसी लगी कॉमेंट जरूर करें और वीडियो को अपने दस्तों रिश्तेदारों को शेयर भी करे ताकि हमारे सनातन धर्म की विशालता सबको पता चले। 
धन्यवाद। 🙏🏼🙏🏼

14 फ़रवरी 2025

चाणक्य नीति : बुद्धिमान व्यक्ति इन 4 जगहों पर कभी नहीं बोलते हैं

आचार्य चाणक्य ने अपने ज्ञान और अनुभव के आधार पर एक ग्रंथ की रचना की, जिसे आज चाणक्य नीति के नाम से जाना जाता है. इस ग्रंथ को ज्ञान का महासागर कहा जाता है, क्योंकि इस ग्रंथ में चाणक्य ने जीवन के विभिन्न पहलुओं के कई राज उजागर किए हैं. चाणक्य नीति में न सिर्फ मनुष्य के गुणों का वर्णन किया गया है, बल्कि कई अवगुणों के बारे में भी बताया गया है. इतना ही नहीं इसमें यह भी उल्लेख किया गया है कि मनुष्य को कब बोलना चाहिए और कब नहीं. जो भी व्यक्ति चाणक्य नीति में बताई गई बातों को अच्छे से समझ लेता है, वह हर मुश्किल से आसानी से पार पा सकता है, क्योंकि उसे इंसान को परखने की काबिलियत आ जाती है. ऐसे ही चाणक्य नीति में बताया गया है कि मनुष्य को अपने जुबान पर नियंत्रण रखना चाहिए. हर जगह बोलना सही नहीं होता है. कुछ जगहों पर चुप रहने में ही भलाई होती है. ऐसे में इन जगहों पर मनुष्य को चुप रहना चाहिए, नहीं तो उसका बना बनाया काम बिगड़ सकता है.
आए दिन कहीं न कहीं झगड़े होते रहते हैं. इस दौरान कुछ लोग बिन बुलाए मेहमान की तरह झगड़े की जगह पर पहुंच जाते हैं और सलाह देने लेते हैं. इन्हीं लोगों के लिए चाणक्य नीति में बताया गया है कि जहां पर लोग झगड़ा कर रहे हैं या किसी जगह पर झगड़ा हो रहा है, वहां चुप रहने में ही भलाई होता है. जब तक कोई आकर कुछ कहे न तब तक किसी झगड़े में बोलना नहीं चाहिए.

अक्सर कुछ लोगों को अपनी तारीफ करना बहुत पसंद होता है. ऐसे में चाणक्य नीति में बताया गया है कि जो इंसान खुद की तारीफ कर रहा हो, वहां पर बोलना सही नहीं होता है. वहां पर चुप रहना ही सही होता है. इस जगह अगर आप कुछ बोलते हैं, तो आप अपमानित हो सकते हैं
एक कहावत है कि अधजल गगरी छलकत जाय. यानी कि मटका अगर खाली रहता है, तो उसमें से पानी छलकता रहता है और जब वह पूरा भरा होता है, तो नहीं छलकता है. इसी तरह मनुष्य का भी स्वभाव होता है. आधी अधूरी जानकारी वाला व्यक्ति बहुत उतावला होता है और जिसे ज्ञान होता है वह शांत स्वभाव का होता है. ऐसे ही लोगों के लिए चाणक्य नीति में लिखा गया है कि मनुष्य को आधी जानकारी में चुप रहना ही सही होता है

चाणक्य नीति के अनुसार, जब मनुष्य आपके सामने अपना दुख-दर्द या परेशानी को साझा करे, तो उस दौरान उसकी बातों को ध्यान से सुनना चाहिए. इस समय मनुष्य को चुप रहना ही सही होता है.

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26 जनवरी 2025

बिना नेटवर्क के भी कॉल और इंटरनेट चलेगा, सरकार की नई सुविधा ICR (Intra circle roaming)

दोस्तों आप 10000 का मोबाईल यूज कर रहे हो या 50000 का कोई फर्क नहीं पड़ता हैं यदि उस मोबाईल में नेटवर्क नहीं है तो बिना नेटवर्क के आपका मोबाईल सिर्फ एक डब्बा बन जाएगा। लेकिन यदि मैं कहूं कि अब आपके मोबाईल में नेटवर्क नहीं होने पर भी आप अपने मोबाइल से किसी को भी कॉल कर सकेंगे। जी हां दोस्तो आपने सही सुना अब आप बिना नेटवर्क के भी किसी को कॉल कर सकेंगे।


तो दोस्तों आईए जानते हैं अब बिना नेटवर्क के फोन कैसे लगेगा। सरकार द्वारा टेलीकॉम सेक्टर में शुरू की जा रही नहीं सुविधा ICR । सरकार ने देश में इंट्रा सर्किल रोमिंग (ICR) की सुविधा शुरू की है। इसका मतलब है कि अब आप चाहे जियो के ग्राहक हों या एयरटेल के या बीएसएनएल के, आप किसी भी नेटवर्क के टावर का इस्तेमाल कर सकेंगे। मान लीजिए आप किसी घने जंगल में हैं और आपके मोबाईल में जियो का सिम है लेकिन वहां जियो का नेटवर्क नहीं है। पहले आपको कॉल करने के लिए जियो के टावर तक जाना पड़ता था। लेकिन अब आप आस-पास के किसी भी दूसरे नेटवर्क के टावर का इस्तेमाल करके कॉल कर पाएंगे। अब इस सुविधा के शुरू होने पर आपके मोबाईल में jio सिम का टॉवर नहीं होने पर भी दूसरी कंपनी के नेटवर्क का उपयोग करके आप कॉल कर सकेंगे। ये सुविधा टेलीकॉम सेक्टर में क्रांति लाने वाली है।


दूरसंचार विभाग ने देश में इंट्रा सर्किल रोमिंग (ICR) सुविधा शुरू की है।  इसका मतलब यह है कि जियो, एयरटेल और बीएसएनएल यूजर्स किसी भी 4G नेटवर्क को एक्सेस कर पाएंगे और कॉल कर पाएंगे, जिस वक्त उनका खुद के मोबाईल टावर की रेंज में नहीं होंगे। इस सर्विस को एक सिंगल DBN फंडेड #टावर की मदद से एक्सेस किया जा सकेगा।

साधारण शब्दों में समझें, तो मान लीजिए आप जियो का सिम इस्तेमाल करते हैं, लेकिन आप जिस इलाके में मौजूद हैं, वहां पर जियो नेटवर्क मौजूद नहीं है, तो ऐसे हालात में आप उस इलाके में मौजूद बीएसएनएल या फिर एयरेटल के नेटवर्क का इस्तेमाल करके कॉल कर पाएंगे।


कॉल ड्रॉप की परेशानी से अब आपको निजात मिलने वाली है। दरअसल भारत सरकार ने ICR सर्विस लॉन्च की है। इससे फोन में सिग्नल नहीं होने पर भी कॉल कर सकेंगे।
4G और 5G के दौर में भी अगर आपके मोबाइल में नेटवर्क नहीं है, तो आपका मोबाईल फोन किसी काम का नहीं है। अगर आपके फोन में नेटवर्क ना हो, तो ना तो आप किसी को कॉल कर सकते हैं और ना ही नेट का इस्तेमाल भी नहीं कर सकते हैं। आम भाषा में कहें तो बिना #मोबाइल नेटवर्क के आपका फोन डिब्बा है। इसका कोई इस्तेमाल नहीं हो सकता। हालांकि, अब इस समस्या का समाधान आ गया है। भारत सरकार ने इंट्रा सर्किल रोमिंग (ICR) सर्विस लॉन्च किया है।
भारत की दूर संचार विभाग ने 17 जनवरी को आईसीआर लॉन्च की, जिसकी मदद से मोबाइल यूजर्स बिना नेटवर्क के भी कॉल को कनेक्ट कर पाएंगे। आपका सिमकार्ड चाहे किसी भी कंपनी का क्यों ना हो, लेकिन #ICR की मदद से आप बिना नेटवर्क के भी कॉल कर सकेंगे। मतलब ये है कि अगर आपका #Jio का नेटवर्क कहीं काम नहीं कर रहा है तो वहां मौजूद #Airtel के नेटवर्क से आपके मोबाइल का नेटवर्क जुड़ जाएगा और आप फोन यूज कर पाएंगे।

दोस्तों जानकारी कैसी लगी कॉमेंट बॉक्स में बताए।  Post को लाईक शेयर जरूर करें।

20 नवंबर 2024

Digital Arrest क्या होता है जानिए और समझिए

दोस्तों पिछले कुछ दिनों से news और सोशल मीडिया में एक शब्द काफी चर्चा का विषय बना हुआ है और वो शब्द है Digital Arrest।

कुछ दिनों से देश के कई शहरों में डिजिटल अरेस्ट के मामले काफी तेजी से बढ़ रहे हैं। जिसके माध्यम से साइबर ठग आसानी से लोगो को अपना शिकार बना रहे हैं ओर लोगों से ऑनलाइन पैसे लुट रहे हैं।


डिजिटल अरेस्ट में किसी व्यक्ति को ऑनलाइन माध्यम से डराया या धमकाया जाता है कि वह किसी सरकारी एजेंसी के माध्यम से अरेस्ट हो गया है, उसे पेनल्टी या जुर्माना देने मजबूर भी किया जाता है। डिजिटल अरेस्ट एक ऐसा शब्द है जो कि पहले से कानून की किताबों में नहीं है, लेकिन, आजकल ऑनलाइन माध्यम से अपराधियों के इस तरह के बढ़ते अपराध की वजह से इस शब्द का प्रयोग चलन में आया है। पिछले 3-4 महीनों में भारत के कई शहरों से लगभग 1000 से ज्यादा मामले सामने आए हैं, जिनमें 1500 करोड़ रुपये से ज्यादा की ऑनलाइन धोखाधड़ी हुई है। इसके अलावा कई ऐसे भी मामले होते हैं जो पुलिस तक नहीं पहुंच पाते या जिसकी रिपोर्ट पुलिस को नहीं की जाती है। ओर कई ऐसे मामले भी होते हैं जिसमें ठगी करने की कोशिश करने वाले सफल नहीं हो पाते हैं। इस प्रकार डिजिटल अरेस्ट एक बहुत बड़ा क्राईम बनकर सामने आया है। जिसको लेकर शासन प्रशासन भी परेशान है।


डिजिटल अरेस्ट करने वाले गिरोह का अभी तक खुलासा नहीं हुआ है, जिसकी वजह से डिजिटल अरेस्ट के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं।
इसमें ठगी करने के लिए आमतौर पर 4- 5 तरीके प्रयोग किए जाते हैं जैसे, किसी कूरियर का नाम लेकर कि उसमें आपके नाम से कोई गलत सामान आया है जैसे एमडी या  ड्रग्स आदि , जिसकी वजह से आपको डराया जाता है और पैसों की मांग की जाती है।
या फिर आपके बैंक खाते से इस तरह के ट्रांजैक्शन हुए हैं जो फाइनेंशियल फ्रॉड रिलेटेड हैं जैसे मनी लॉन्ड्रिंग, हवाला आदि।
इस प्रकार एनडीपीएस या मनी लॉन्ड्रिंग का भय दिखाकर उन लोगों को फंसाया जाता है, जो पढ़े-लिखे और कानून की जानकारी रखते हैं। ऐसे लोगों को डराकर उनसे ऑनलाइन पैसे मांगे जाते है। अगर उनके खातों में पैसे नहीं हैं तो उनको लोन भी दिलवाया जाता है। कई बार उनके पास लोन लेने वाले एप्स नहीं होते हैं तो उन एप्स को भी डाउनलोड कराया जाता है ओर इस तरह उनको दो से तीन दिन तक डिजिटल अरेस्ट रखा जाता है और लाखों रुपए की धोखाधड़ी की जाती है।

 
इसे ही डिजिटल अरेस्ट कहा जाता है।
तो दोस्तों इस वीडियो के माध्यम से हमने आपको बहुत ही आसान भाषा में डिजिटल अरेस्ट के बारे में समझाने का प्रयास किया है। अब आप समझ गए होंगे कि डिजिटल अरेस्ट क्या होता है।
इसी तरह नई नई जानकारियों के वीडियो देखने के लिए इस चैनल को सब्सक्राइब जरूर करें और अपने दोस्तों को भी शेयर करें।
धन्यवाद, मिलते हैं अगले Post में, एक नए विषय के साथ

इसमें कई तरह के अपराध होते हैं। गलत तरीके से सिम कार्ड लिया जाता है, गलत तरीके से बैंक खाता खोला जाता है। जिन लोगों को ठगी का शिकार बनाया जाता है उनके पैन कार्ड, आधार कार्ड समेत कई अन्य डेटा को गैरकानूनी तरीके से इकट्ठा किया जाता है। उनके खाते से पैसे ट्रांसफर कराये जाते हैं। कई बार क्रिप्टो या गेमिंग एप के माध्यम से हवाला के जरिए पैसे को बाहर भेजा जाता है। लोगों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि कोई भी सरकारी एजेंसी ऑनलाइन तरीके से पूछताछ नहीं करती है। सरकारी एजेंसी सिर्फ फिजिकल तरीके से पूछताछ करती है। अगर किसी के साथ इस तरीके की घटना होती है तो वह दो तरीके से इसे रिपोर्ट कर सकता है। साइबर फ्रॉड के हेल्पलाइन नंबर या फिर ईमेल के जरिए शिकायत दर्ज कराई जा सकती है। इसके अलावा, आप स्थानीय पुलिस को भी शिकायत दे सकते हैं। अगर आप पुलिस को एक घंटे के भीतर सूचना देते हैं तो ट्रांसफर किए गए पैसे को वापस पाने की संभावना रहती है।

क्या ताजमहल सचमुच शिव मंदिर तेजोमहालय है जानिए ताजमहल का रहस्य

नमस्कार दोस्तों, स्वागत है आपका आज हम बात करेंगे भारत की एक ऐसी विवादित इमारत के बारे में, जो दुनिया के सात अजूबों में से एक है – जिसका नाम ...