20 नवंबर 2024

Digital Arrest क्या होता है जानिए और समझिए

दोस्तों पिछले कुछ दिनों से news और सोशल मीडिया में एक शब्द काफी चर्चा का विषय बना हुआ है और वो शब्द है Digital Arrest।

कुछ दिनों से देश के कई शहरों में डिजिटल अरेस्ट के मामले काफी तेजी से बढ़ रहे हैं। जिसके माध्यम से साइबर ठग आसानी से लोगो को अपना शिकार बना रहे हैं ओर लोगों से ऑनलाइन पैसे लुट रहे हैं।
आइए जानते है क्या होता है डिजिटल अरेस्ट (Digital Arrest) ? What is digital arrest ? 


डिजिटल अरेस्ट में किसी व्यक्ति को ऑनलाइन माध्यम से डराया या धमकाया जाता है कि वह किसी सरकारी एजेंसी के माध्यम से अरेस्ट हो गया है, उसे पेनल्टी या जुर्माना देने मजबूर भी किया जाता है। डिजिटल अरेस्ट एक ऐसा शब्द है जो कि पहले से कानून की किताबों में नहीं है, लेकिन, आजकल ऑनलाइन माध्यम से अपराधियों के इस तरह के बढ़ते अपराध की वजह से इस शब्द का प्रयोग चलन में आया है। पिछले 3-4 महीनों में भारत के कई शहरों से लगभग 1000 से ज्यादा मामले सामने आए हैं, जिनमें 1500 करोड़ रुपये से ज्यादा की ऑनलाइन धोखाधड़ी हुई है। इसके अलावा कई ऐसे भी मामले होते हैं जो पुलिस तक नहीं पहुंच पाते या जिसकी रिपोर्ट पुलिस को नहीं की जाती है। ओर कई ऐसे मामले भी होते हैं जिसमें ठगी करने की कोशिश करने वाले सफल नहीं हो पाते हैं। इस प्रकार डिजिटल अरेस्ट एक बहुत बड़ा क्राईम बनकर सामने आया है। जिसको लेकर शासन प्रशासन भी परेशान है।


डिजिटल अरेस्ट करने वाले गिरोह का अभी तक खुलासा नहीं हुआ है, जिसकी वजह से डिजिटल अरेस्ट के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं।
डिजिटल अरेस्ट के मामलो में लोगों को कैसे फंसाया जाता है? आइए जानते हैं
इसमें ठगी करने के लिए आमतौर पर 4- 5 तरीके प्रयोग किए जाते हैं जैसे, किसी कूरियर का नाम लेकर कि उसमें आपके नाम से कोई गलत सामान आया है जैसे एमडी या  ड्रग्स आदि , जिसकी वजह से आपको डराया जाता है और पैसों की मांग की जाती है।
या फिर आपके बैंक खाते से इस तरह के ट्रांजैक्शन हुए हैं जो फाइनेंशियल फ्रॉड रिलेटेड हैं जैसे मनी लॉन्ड्रिंग, हवाला आदि।
इस प्रकार एनडीपीएस या मनी लॉन्ड्रिंग का भय दिखाकर उन लोगों को फंसाया जाता है, जो पढ़े-लिखे और कानून की जानकारी रखते हैं। ऐसे लोगों को डराकर उनसे ऑनलाइन पैसे मांगे जाते है। अगर उनके खातों में पैसे नहीं हैं तो उनको लोन भी दिलवाया जाता है। कई बार उनके पास लोन लेने वाले एप्स नहीं होते हैं तो उन एप्स को भी डाउनलोड कराया जाता है ओर इस तरह उनको दो से तीन दिन तक डिजिटल अरेस्ट रखा जाता है और लाखों रुपए की धोखाधड़ी की जाती है।

 
इसे ही डिजिटल अरेस्ट कहा जाता है।
तो दोस्तों इस वीडियो के माध्यम से हमने आपको बहुत ही आसान भाषा में डिजिटल अरेस्ट के बारे में समझाने का प्रयास किया है। अब आप समझ गए होंगे कि डिजिटल अरेस्ट क्या होता है।
इसी तरह नई नई जानकारियों के वीडियो देखने के लिए इस चैनल को सब्सक्राइब जरूर करें और अपने दोस्तों को भी शेयर करें।
धन्यवाद, मिलते हैं अगले Post में, एक नए विषय के साथ

डिजिटल अरेस्ट(digital arrest) के मामले से कैसे बचा जा सकता है?
इसमें कई तरह के अपराध होते हैं। गलत तरीके से सिम कार्ड लिया जाता है, गलत तरीके से बैंक खाता खोला जाता है। जिन लोगों को ठगी का शिकार बनाया जाता है उनके पैन कार्ड, आधार कार्ड समेत कई अन्य डेटा को गैरकानूनी तरीके से इकट्ठा किया जाता है। उनके खाते से पैसे ट्रांसफर कराये जाते हैं। कई बार क्रिप्टो या गेमिंग एप के माध्यम से हवाला के जरिए पैसे को बाहर भेजा जाता है। लोगों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि कोई भी सरकारी एजेंसी ऑनलाइन तरीके से पूछताछ नहीं करती है। सरकारी एजेंसी सिर्फ फिजिकल तरीके से पूछताछ करती है। अगर किसी के साथ इस तरीके की घटना होती है तो वह दो तरीके से इसे रिपोर्ट कर सकता है। साइबर फ्रॉड के हेल्पलाइन नंबर या फिर ईमेल के जरिए शिकायत दर्ज कराई जा सकती है। इसके अलावा, आप स्थानीय पुलिस को भी शिकायत दे सकते हैं। अगर आप पुलिस को एक घंटे के भीतर सूचना देते हैं तो ट्रांसफर किए गए पैसे को वापस पाने की संभावना रहती है।

17 नवंबर 2024

Future and options Trading की लत युवाओं को बरबाद कर रही है

दोस्तों नमस्कार 
आजकल हर कोई शेयर बाजार में ऑप्शन ट्रेडिंग करके करोड़पति बनने का सपना देख रहा है ओर इसी सपने को पूरा करने के लिए यंग जनरेशन अपनी कमाई को शेयर मार्केट में लगाकर लॉस पर लॉस बुक करते जा रहे हैं। 


शेयर बाजार में फ्यूचर and ऑप्शन ट्रेडिंग कम पूंजी में बड़ा पैसा बनाने का जरिया बन गया है, लेकिन इसमें बहुत बड़ा रिस्क भी होता हैं। इसी कारण सेबी ने भी अपनी रिपोर्ट में बताया है कि फ़्यूचर ऑप्शन ट्रेडिंग करने वाले 99% लोगो को नुकसान हो रहा है और सिर्फ 1 प्रतिशत ट्रेडर्स ही इसमें प्रॉफिट में है । सबसे बड़ी परेशानी की बात ये है कि इसमें यंग जनरेशन 20 से 35 साल के युवा ज्यादा शिकार हो रहे हैं। जिनको fno ट्रेडिंग की बुरी लत लग गई है। 


फ्यूचर and ऑप्शन ट्रेडिंग में काम करने के लिए बहुत वर्षों के अनुभव और #money मैनेजमेंट की जरूरत होती है। जिसके लिए कई सालों तक इसमें अनुभव का होना महत्वपूर्ण है। लेकिन शॉर्ट कट पैसा बनाने के चक्कर में लाखों लोग ऑप्शन ट्रेडिंग में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं और पैसा डूबा रहे हैं। पिछले कुछ महीनों से देशभर से कई मामले सामने आए हैं जिनमें नए ट्रेडर्स ने ऑप्शन ट्रेडिंग में लाखों रुपए दाव पर लगाए, किसी ने अपनी सेविंग दाव पर लगा दी, किसी ने अपने माता पिता की पूंजी को बर्बाद कर दिया। 


इतने पर भी बात खत्म नहीं हुई कुछ लोगों ने f n o ट्रेडिंग में लाखों रुपए गवां देने के बाद भी बैंक से लोन लेकर ट्रेडिंग कर रहे हैं और दोबारा इसमें अपने हाथ जला रहे हैं। यदि आप भी ऑप्शन ट्रेडिंग कर रहे हैं तो आज ही सावधान हो जाएं। 
ऑप्शन ट्रेडिंग की इस लट का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वर्ष 2017-18 में फ्यूचर and ऑप्शन ट्रेडिंग 210 लाख करोड़ टर्न ओवर था लेकिन इस साल 2024-25 में ये बढ़कर 500 लाख करोड़ रुपए हो गया है। 

आख़िर आजकल के युवाओं को फ्यूचर and ऑप्शन ट्रेडिंग की लत क्यों लगी है आइए इसके पीछे का कारण जानते हैं। 
फ्यूचर and ऑप्शन में ट्रेडिंग करने का एक ही कारण सामने आया है कि आजकल के युवाओं को कम समय में जल्दी पैसा कमाकर अमीर बनना है। 
आज देश में हर दूसरा व्यक्ति #ऑप्शन #ट्रेडिंग कर रहा है और इसको जुए की तरह खेल रहा है। उन्हें ऑप्शन ट्रेडिंग की लत इस कदर लगी कि वे नुकसान होने के बाद भी पैसे उधार लेकर इसमें ट्रेड कर रहे है। इसमें लोग पैसा तो डूबा ही रहे हैं साथ में मानसिक रूप से परेशान भी हो रहे हैं जो बड़े बड़े लॉस होने के कारण डिप्रेशन में जा रहे हैं।

तो आखिर क्या वजह है कि Future and Option Trading में नुकसान होने के बावजूद भी ज्यादा लोग इसकी ओर आकर्षित होते जा रहे हैं ओर अपनी जमा पूंजी इसमें गवा चुके हैं। आइए जानते हैं।

आज कल हर कोई स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग करके करोड़पति बनना चाहता है, कोरोना काल के बाद से ज्यादातर लोगों ने जिनको स्टॉक मार्केट की एबीसीडी भी नही आती थी वो भी डीमैट अकाउंट खुलाकर स्टॉक #मार्केट में ट्रेडिंग करने लगे है और अपने कमाई का एक बड़ा हिस्सा इस शेयर बाजार में डूबा दिए है। इसका मुख्य कारण इस प्रकार है 

🟢 बिना जानकारी के शेयर बाजार में पैसा लगाना, 
🟢 बिना सीखे शेयर बाजार में पैसा लगाना, 
🟢 यूट्यूब पर बड़े प्रॉफिट के वीडियो देखकर अपनी जमा पूंजी को ऑप्शन ट्रेडिंग में लगाना, 
🟢 बिना स्टॉपलॉस के ट्रेड करना, 
🟢 Index ट्रेडिंग करना, 
🟢 ज्यादा लॉट साइज में ट्रेड लेना,
🟢नुकसान होने पर लोन लेकर ट्रेडिंग कर रहे हैं।
आदि कारणों से शेयर बाजार में नुकसान होता है।
यदि आप भी शेयर बाजार में ऑप्शन ट्रेडिंग करते हैं तो आज ही सावधान हो जाइए। 

28 अक्तूबर 2024

अभिनव अरोरा श्रीकृष्ण को छोटे भाई के रूप में पूजते हैं। Abhinav Arora

सोशल मीडिया पर अकसर एक छोटे से बच्चे की वीडियो वायरल होती दिखाई देती है जिसका नाम है अभिनव अरोरा जो कि देश के सबसे छोटे कथावाचकों में से एक हैं। अभिनव अरोरा खुद को श्री बलराम मानते हैं और #श्रीकृष्ण को छोटे भाई के रूप में पूजते हैं।


अभिनव दिल्ली के रहने वाले हैं और घर के पास ही एक प्राइवेट स्कूल में पांचवी कक्षा में पढ़ते हैं। 9 साल के अभिनव को कम उम्र में ही शास्त्रों और वेदों का ज्ञान है। मीडिया में दिए अपने एक इंटरव्यू में उन्होंने खुद बताया था कि सुबह 3:30 बजे उनकी दिनचर्या शुरू होती है। वह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सबसे पहले माला जाप करते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार वह 4 बजे घर पर ही पूजा करते हैं फिर 6:30 बजे #तुलसी पूजा परिक्रमा कर अपने घर में विराजे बाल गोपाल को भोग लगाकर 7:30 बजे स्कूल जाते हैं।


फेमस लेखक और टेड स्पीकर तरुण राज अरोड़ा के बेटे अभिनव अरोड़ा का बचपन से ही अध्यात्म की तरफ रुझान है। वह अकसर घर पर भारतीय परिधान धोती कुर्ता पहनते हैं। मीडिया रिर्पोट्स के अनुसार पहले स्कूल में उनके साथ कोई बैठना पसंद नहीं करता था क्योंकि वह हर किसी से राधे-राधे और जय श्री राम कहकर मिलते थे। लेकिन अब हालत ऐसे हैं कि हर टीचर और सभी बच्चे उन्हें सामने से खुद राधे-राधे और जय श्री कृष्णा कहकर संबोधित करते हैं और क्लास में हर बच्चा उसके साथ बैठना चाहता है।


सोशल मीडिया पर अकसर उनकी वीडियो वायरल होती है। वह देश के सबसे छोटे कथावाचकों में से एक हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार वह खुद को बलराम मानते हैं और श्रीकृष्ण को छोटे भाई के रूप में पूजते हैं। वह #राम और #कृष्ण की तरह गुरुकुल से शिक्षा लेना चाहते हैं.

Source of - www.youtube.com/Hindivideoguru 

17 फ़रवरी 2024

नीचता की पराकाष्ठा 😠 अश्लील होती महेंदी रस्म..

विवाह की रुत पुनः आ गई है ।  संस्कारों के नाम पर हमारे समाज में अश्लीलता का पदार्पण हो चुका है । नई नई कुप्रथाएँ जन्म ले रहीं हैं ।  ऐसे ही एक मेहंदी कार्यक्रम में बढ़ रही अश्लीलता को लेकर यह आलेख पठनीय है ।
• हल्दी रस्म ,मेहंदी रस्म की प्रगति निरंतर बढ़ती जा रही है।अपनी माँ दादी की परम्पराओं को छोड़ एकता कपूर के सीरियल पर आधारित शादी करोगे तो वो सनातन विवाह कम, देह भोग  पार्टनर जुगाड़ व्यवस्था ज्यादा, रहे  वहां बेटी बहू का  नंगा होना भला कितना मायने  रखता है।

• इसलिए मैं कहता रहता हूं अपने घर के विवाह संस्कारों को एकता कपूर आधारित मत बनाओ बल्कि अपने घर की माता दादियों भुआ काकी मासी और घर की परंपरा अनुसार बनाओ क्योंकि अगर घर का विवाह टीवी सीरियल आधारित हो गया तो हल्दी रसम मेहंदी रस्म जैसे फर्जी आयोजनों में हमारे घर की दादी नानी भुआ काकी और घर के बड़ों की हिस्सेदारी खत्म हो जाएगी और सारे आयोजन परंपरा से कट कर टीवी सीरियल आधारित हो जाएंगे और टीवी सीरियल तो निरंतर बहन बेटियों को नंगा करने का ही काम कर रहे हैं इसलिए इन टीवी सीरियल वालों को अपने घर की पवित्र सनातन परंपराओं में घुसपैठ मत करने दो वरना यह आपके घर की बहन बेटियों को भी नंगा करेंगे और आप ग्लैमर के नाम पर सेवाएं देखने के कुछ नहीं कर पाओगे ।

• अभी इन नाटकों की शुरुआत हुई है कहीं कपड़े ढके हैं कहीं कपड़े ऊपर हो चुके हैं जब तक पूरे कपड़े ना निकले उससे पहले अपनी परंपराओं और जड़ों की ओर लौट आओ वरना परंपराओं से कटे आपके घर की बहन बेटियों को आपके सामने आपके आंगन में ही नंगा कर दिया जाएगा ।

• ग्लैमर के नाम पर और आप नाचते रहोगे। समय है थोड़ा संभल जाओ।
• यह हल्दी रस्म ओर महंदी रस्म हमारे सनातन विवाह परंपराओं के अंग नहीं है इन फर्जी फिल्मी नाटकों को परंपराओं में मत भरो , वरना आपकी पवित्र परंपरा और आपके कुल दोनों के लिए घातक सिद्ध होगा यह नाटक..

07 जनवरी 2024

Boycott Maldives : मोदी के लक्षदीप दौरे से बौखलाए मालदीव के मंत्री

आज सोशल मीडिया के सभी प्लेटफॉर्म पर हैशटेग बॉयकॉट मालदीव जमकर ट्रेंड हो रहा है, तो दोस्तो आइए जानते हैं आखिर ऐसा क्या हुआ जो कि अचानक से भारत के लोगों का गुस्सा मालदीव पर फूट गया है, 
तो आईए जानते हैं क्या है ये मामला, 
दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में लक्षद्वीप का दौरा किया था, उनके इस दौरे की तस्वीरें सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुईं और भारत में मालदीव और लक्षद्वीप की तुलना शुरू हो गई,, फिर क्या था मालदीव के मंत्रियों को मिर्ची लग गई और भारत विरोधी बयान दे दिया,  उनके बयान के बाद से ही सोशल मीडिया पर #BoycottMaldives ट्रेंड हो रहा है, लोग मालदीव को खूब खरी-खोटी सुना रहे हैं। 
लोगों का कहना है कि टूरिज्म पर निर्भर मालदीव को भारत की ताकत का अंदाज ही नहीं है, इतना ही नहीं कई लोग हैं जो मालदीव की यात्रा कैंसिल कराकर अब लक्षद्वीप को तरजीह दे रहे हैं।
सोशल मीडिया पर जिस तरह से लोग मालदीव के खिलाफ गुस्सा जाहिर कर रहे हैं उससे इतना तो तय है कि मालदीव को झटका लगना तय है। मालदीव की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से पर्यटन पर ही निर्भर है, सोशल मीडिया पर ऐसे कई पोस्ट शेयर किए जा रहे हैं जिसमें लोग अपने मालदीव के टूर को कैंसल करने की जानकारी देते हुए स्क्रीनशॉट शेयर कर रहे हैं।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक यूजर ने अपनी मालदीव की यात्रा को रद्द करने की जानकारी देते हुए लिखा, है कि 'मैं अपने जन्मदिन के लिए मालदीव जाने की योजना बना रही थी, जो दो फरवरी को पड़ता, ट्रैवल एजेंट के साथ बात भी हो गई थी, लेकिन मालदीव के मंत्री के ट्वीट को देखने के बाद तुरंत रद्द कर दी।'
वहीं, एक अन्य यूजर ने कहा कि मालदीव में तीन हफ्ते रहने के लिए पांच लाख की बुकिंग की थी, लेकिन मालदीव के मंत्रियों के बयान आने के बाद इस कैंसल कर दिया।
इसके अलावा एक ने कहा कि जब से मालदीव के मंत्री ने भारत का अपमान किया है तब से 8166 होटल बुकिंग और करीब 2500 फ्लाइट टिकट कैंसल हो चुके हैं। हालांकि, आधिकारिक रूप से इन आंकड़ों की पुष्टि नहीं हो सकी है।

एक ने लिखा, कि 'मैं कुछ महीने पहले मालदीव गया था, काश मैं नहीं गया होता, मैंने अपनी भतीजी को उसका हनीमून पैकेज उपहार में दिया और मैंने अब अपने एजेंट को रद्द करने के लिए कहा है। मुझे 50 हजार का नुकसान हो रहा है, लेकिन मालदीव इसके लायक ही है।'
मालदीव के मंत्रियों का बयान
मालदीव के मंत्री अब्दुल्ला मोहजुम माजिद ने लिखा कि 'मालदीव के पर्यटन को निशाना बनाने के लिए मैं भारत के पर्यटन को शुभकामनाएं देता हूं, लेकिन भारत को हमारे बीच पर्यटन से कड़ी टक्कर मिलेगी। हमारा रिजॉर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर ही इनके पूरे इंफ्रास्ट्रक्चर से ज्यादा है।' इस पोस्ट में पीएम मोदी को भी टैग किया गया है।

मालदीव के एक नेता जाहिद रमीज ने भी सोशल मीडिया पर पीएम मोदी द्वारा लक्षद्वीप में पर्यटन बढ़ाने को लेकर लिखा कि 'बेशक यह अच्छा कदम है, लेकिन हमसे प्रतिस्पर्धा करना एक भ्रम ही है।'

रमीज ने आगे लिखा, 'वह हमारे जैसी सर्विस कैसे देंगे? साथ ही वहां के बीच साफ कैसे रह सकते हैं? कमरों में हमेशा रहने वाली बदबू भी सबसे बड़ी चुनौती है।

पीएम मोदी के लक्षद्वीप यात्रा के बाद मालदीव की खूब चर्चा हो रही है। लोग मालदीव की बजाय लक्षद्वीप को पर्यटन के लिहाज से शानदार बता रहे हैं। सोशल मीडिया पर लक्षद्वीप की खूबसूरत तस्वीर लगातार पोस्ट की जा रही है।
इस पूरे मामले पर आपके क्या विचार है, क्या पीएम मोदी की लक्ष्यदिप यात्रा राजनीतिक है या ये विवाद अनावश्यक है हमे अपने विचार नीचे कॉमेंट बॉक्स में जरूर लिखे,

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विक्रमादित्य का शासन अरब और मिस्र तक फैला था और संपूर्ण धरती के लोग

चक्रवर्ती विक्रमादित्य...।।।।।।।
कलि काल के 3000 वर्ष बीत जाने पर 101 ईसा पूर्व सम्राट विक्रमादित्य मालव का जन्म हुआ। उन्होंने 100 वर्ष तक राज किया।
विक्रमादित्य मालव ईसा मसीह के समकालीन थे और उस वक्त उनका शासन अरब तक फैला था। विक्रमादित्य मालव के बारे में प्राचीन अरब साहित्य में भी वर्णन मिलता है। नौ रत्नों की परंपरा उन्हीं से शुरू होती है। विक्रमादित्य मालव उस काल में महान व्यक्तित्व और शक्ति का प्रतीक थे।
विक्रमादित्य का शासन अरब और मिस्र तक फैला था और संपूर्ण धरती के लोग उनके नाम से परिचित थे। विक्रमादित्य भारत की प्राचीन नगरी उज्जयिनी के राजसिंहासन पर बैठे। विक्रमादित्य मालव अपने ज्ञान, वीरता और उदारशीलता के लिए प्रसिद्ध थे जिनके दरबार में नवरत्न रहते थे। कहा जाता है कि विक्रमादित्य बड़े पराक्रमी थे और उन्होंने शकों को परास्त किया था। 

देश में अनेक विद्वान ऐसे हुए हैं, जो विक्रम संवत को उज्जैन के राजा विक्रमादित्य मालव द्वारा ही प्रवर्तित मानते हैं। इसके अनुसार विक्रमादित्य मालव ने 3044 कलि अर्थात 57 ईसा पूर्व विक्रम संवत चलाया। नेपाली राजवंशावली अनुसार नेपाल के राजा अंशुवर्मन के समय (ईसापूर्व पहली शताब्दी) में उज्जैन के राजा विक्रमादित्य मालव के नेपाल आने का उल्लेख मिलता है।
भारत, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, तजाकिस्तान, उज्बेकिस्तान, कजाकिस्तान, तुर्की, अफ्रीका, सऊदी अरब, नेपाल, थाईलैंड, इंडोनेशिया, कमबोडिया, श्रीलंका, चीन का बड़ा भाग इन सब प्रदेशो पर विश्व के बड़े भूभाग पर था ओर इतना ही नही सम्राट विक्रमादित्य मालव ने रोम के राजाओं को हराकर विश्व विजय भी कर लिया था।

"यो रूमदेशाधिपति शकेश्वरं जित्वा "।।

अर्थ: उन्होंने रोम के राजा और शक राजाओं को जीता। कुल मिलाकर 95 देश जीतें। आज भारत मे प्रजातंत्र है, लेकिन भारत में शांति नही है लेकिन इस प्रजातंत्र की नींव डालने की शुरुवात ही खुद महान राजा विक्रमादित्य ने की थी विक्रमादित्य की सेना का सेनापति प्रजा चुनती थी।
वह प्रजा द्वारा चुना हुआ धर्माध्यक्ष होता था प्रजा द्वारा अभिषिक्त निर्णायक होता था आज के समय मे अमरीका और रूस के राष्ट्रपति की जो शक्ति है वही शक्ति महाराज विक्रमादित्य मालव के सेनापति की होती थी। लेकिन यह सब भी अपना परम् वीर विक्रम को ही मानते थे। महाराज विक्रम ने भी अपने आप को शासक नही, प्रजा का सेवक मात्र घोषित कर रखा था।

महाराज विक्रम बहुत ही शूरवीर और दानी थे। शुंग वंश के बाद पंजाब के रास्ते से शकों ने भारत को तहस नहस कर दिया था लेकिन वीर विक्रम ने इन शकों को पंजाब के रास्ते से ही वापस भगाया। पुष्यमित्र शुंग की मृत्यु के बाद जो भारतीय असंगठित होकर शकों का शिकार हो रहे थे उन भारतीय को जीवन मंत्र देकर महाराज विक्रम ने विजय का शंख फूंककर पूरे भारत को संगठित कर दिया।

महाराजा वीर विक्रम जमीन पर सोते थे अल्पाहार लेते थे वे केवल योगबल पर अपने शरीर को वज्र सा मजबूत बनाकर रखते थे। इन्होंने महान सनातन राष्ट्र की स्थापना कर सनातन धर्म का डंका पुनः बजाया था।

महाभारत के युद्ध के बाद वैदिक धर्म का दिया लगभग बुझ गया था, हल्का सा टिमटिमा मात्र रहा था। इस युद्ध के बाद भारत की वीरता, कला, साहित्य, संस्कृति सब कुछ मिट्टी में मिल गयी थी।

ऐसा भी एक समय आया जब सारे भारतीय ही "अहिंसा परमोधर्म" वाला बाजा बजा रहे थे। विदेशों से हमले हो रहे थे ओर हम अहिंसा में पंगु होकर बैठ गये भारत के अस्ताचल से सत्य सनातन धर्म के सूर्य का अस्त होने को चला था। प्रजा दुखी थी, विदेशी शक, हूण, कुषाण शासकों के आक्रमणों से त्राहि त्राहि मची थी। ऐसे महान विपत्तिकाल में "धर्म गौ ब्राह्मण हितार्थाय" की कहानी को चरितार्थ करने वाला प्रजा की रक्षा करने वाला, सत्य तथा धर्म का प्रचारक वीर पराक्रमी विक्रम मालव पैदा हुए।

इनके पराक्रम का अंदाजा इस बात से लगा सकते है कि जावा सुमात्रा तक के सुदूर देशों तक इन्होंने अपने सेनापति नियुक्त कर रखे थे।
उत्तर पश्चिमी शकों का मान मर्दन करने के लिए मुल्तान के पास जागरूर नाम की जगह पर महाराज विक्रम और शकों के भयानक युद्ध हुआ। विशेषकर राजपुताना के उत्तरपश्चिमी राज्य में शकों ने उत्पात मचा रखा था। मुल्तान में विक्रम की सेना से परास्त होकर शक जंगलो में भाग गए उसके बाद इन्होंने फिर कभी आंख उठाने की हिम्मत नही की लेकिन उनकी संतान जरूर फिर से आती रही।

विक्रमादित्य मालव के काल के सिक्कों पर "जय मालवाना" लिखा होता था विक्रमादित्य के मातृभूमि से प्रेम से इससे अच्छा उदाहरण क्या हो सकता है सिक्को पर अपना नाम न देकर अपनी मातृभूमि का नाम दिया।

आज हमारी सनातन संस्कृति केवल विक्रमादित्य मालव के कारण अस्तित्व में है अशोक मौर्य ने बोद्ध धर्म अपना लिया था और बोद्ध बनकर 25 साल राज किया था। भारत में तब सनातन धर्म लगभग समाप्ति पर आ गया था।

जब रामायण, और महाभारत जैसे ग्रन्थ खो गए थे, महाराज विक्रम ने ही पुनः उनकी खोज करवा कर स्थापित किया। विष्णु और शिव जी के मंदिर बनवाये और सनातन धर्म को बचाया। 
विक्रमादित्य मालव के 9 रत्नों में से एक कालिदास ने अभिज्ञान शाकुन्तलम् लिखा, भारत का इतिहास है अन्यथा भारत का इतिहास क्या हम भगवान् कृष्ण और राम को ही खो चुके थे। आज उन्ही के कारण सनातन धर्म बचा हुआ है, हमारी संस्कृति बची हुई है।

महाराज विक्रमादित्य मालव ने केवल धर्म ही नही बचाया उन्होंने देश को आर्थिक तौर पर सोने की चिड़िया बनाई, उनके राज को ही भारत का स्वर्णिम राज कहा जाता है।

विक्रमादित्य मालव के काल में भारत का कपडा, विदेशी व्यपारी सोने के वजन से खरीदते थे। भारत में इतना सोना आ गया था कि, विक्रमादित्य मालव काल में सोने की सिक्के चलते थे।
कई बार तो देवता (श्रेष्ठ ज्ञानी व्यक्ति) भी उनसे न्याय करवाने आते थे, विक्रमादित्य मालव के काल में हर नियम धर्मशास्त्र के हिसाब से बने होते थे। न्याय, राज सब धर्मशास्त्र के नियमो पर चलता था। विक्रमादित्य मालव का काल प्रभु श्रीराम के राज के बाद सर्वश्रेष्ठ माना गया है, जहाँ प्रजा धनी और धर्म पर चलने वाली थी।

महान सम्राट विक्रम ने रोम के शासक जुलियस सीजर को भी हराकर उसे बंदी बनाकर उज्जैन की सड़कों पर घुमाया था तथा बाद में उसे छोड़ दिया गया था।

विक्रमादित्य के काल में दुनियाभर के ज्योतिर्लिंगों के स्थान का जीर्णोद्धार किया गया था। कर्क रेखा पर निर्मित ज्योतिर्लिंगों में प्रमुख रूप से थे मुक्तेश्वर, गुजरात के सोमनाथ, उज्जैन के महाकालेश्वर और काशी के विश्वनाथ बाबा।

कर्क रेखा के आसपास 108 शिवलिंगों की गणना की गई है। विक्रमादित्य मालव ने नेपाल के पशुपतिनाथ, केदारनाथ और बद्रीनाथ मंदिरों को फिर से बनवाया था। इन मंदिरों को बनवाने के लिए उन्होंने मौसम वैज्ञानिकों, खगोलविदों और वास्तुविदों की भरपूर मदद ली। विक्रमादित्य मालव के समय ज्योतिषाचार्य मिहिर, महान कवि कालिदास थे।
विक्रमादित्य तो एक उदाहरण मात्र है, भारत का पुराना अतीत इसी तरह के शौर्य से भरा हुआ है। भारत पर विदेशी शासकों के द्वारा लगातार राज्य शासन के बावजूद निरंतर चले भारतीय संघर्ष के लिए ये ही शौर्य प्रेरणाएं जिम्मेदार हैं।

हम सबको इस महान सम्राट से प्रेरणा ले कर राष्ट्र व धर्म की रक्षा में उद्यत रहना चाहिए एवं हमारे गौरवपूर्ण इतिहास को जानना चाहिए।

24 दिसंबर 2023

समयसूचक AM और PM का उद्गगम भारत ही था, लेकिन हमें बचपन से

समयसूचक AM और PM का उद्गगम भारत ही था, लेकिन हमें बचपन से यह रटवाया गया, विश्वास दिलवाया गया कि इन दो शब्दों AM और PM का मतलब होता है :

 AM : Ante Meridian                    

  PM : Post Meridian

 एंटे यानि पहले, लेकिन किसके? पोस्ट यानि बाद में, लेकिन किसके?
 यह कभी साफ नहीं किया गया, क्योंकि यह चुराये गये शब्द का लघुतम रूप था।काफ़ी अध्ययन करने के पश्चात ज्ञात हुआ और हमारी प्राचीन संस्कृत भाषा ने इस संशय को साफ-साफ दृष्टिगत किया है। कैसे? देखिये...
 AM = आरोहनम् मार्तण्डस्य Aarohanam Martandasya
 PM = पतनम् मार्तण्डस्य Patanam Martandasya
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 सूर्य, जो कि हर आकाशीय गणना का मूल है, उसी को गौण कर दिया। अंग्रेजी के ये शब्द संस्कृत के उस वास्तविक ‘मतलब' को इंगित नहीं करते।
 आरोहणम् मार्तण्डस्य यानि सूर्य का आरोहण (चढ़ाव)।
 पतनम् मार्तण्डस्य यानि सूर्य का ढलाव।
 बारह बजे के पहले सूर्य चढ़ता रहता है - 'आरोहनम मार्तण्डस्य' (AM)।
 बारह के बाद सूर्य का अवसान/ ढलाव होता है - 'पतनम मार्तण्डस्य' (PM)।
 पश्चिम के प्रभाव में रमे हुए और पश्चिमी शिक्षा पाए कुछ लोगों को भ्रम हुआ कि समस्त वैज्ञानिकता पश्चिम जगत की देन है।

 हम अपनी हजारों साल की समृद्ध विरासत, परंपराओं और संस्कृति का पालन करते हुए भी आधुनिक और उन्नत हो सकते हैं।इस से शर्मिंदा न हों बल्कि इस पर गौरव की अनुभूति करें और केवल नकली सुधारवादी बनने के लिए इसे नीचा न दिखाएं।समय निकालें और इसके बारे में पढ़ें / समझें / बात करें / जानने की कोशिश करें।
 अपने “सनातनी" होने पर गौरवान्वित महसूस करें।
#सनातनी #सनातनभारत #सनातन #सनातनहमारीपहचान

Digital Arrest क्या होता है जानिए और समझिए

दोस्तों पिछले कुछ दिनों से news और सोशल मीडिया में एक शब्द काफी चर्चा का विषय बना हुआ है और वो शब्द है Digital Arrest। कुछ दिनों से देश के ...