11 अक्टूबर 2017

गोधरा आज भी न्याय का इंतज़ार कर रहा है, अदालत की विश्वसनीयता पर बड़ा प्रश्नचिन्ह



अक्टूबर 2017 में देश के उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय ने दो अलग अलग मामलों में दो महत्वपूर्ण निर्णय दिये।  
पहला निर्णय गुजरात उच्च न्यायालय से आया जिसमें 2002 गुजरात दंगे की सुनवाई करते हुऐ विशेष अदालत के निर्णय से अलग फाँसी की सजा पाये 10 अपराधियों की सजा को परिवर्तित करते हुऐ उम्रकैद मे बदल दिया। कितने अफसोस की बात है  कि जहा 59 कारसेवकों (हिन्दुओ) को जला कर मार दिया जाता है, लगभग 1500 लोगों को नामित किया जाता है, 130 लोगों पर मुकदमा चलाया जाता है, 31 लोगों को सजा होती है, जिसमें से 10 लोगों को फाँसी की सजा होती है, जिसे अब उम्रकैद मे बदल दिया गया ? 

क्या हमारे देश की कानून व्यवस्था इतना सक्षम नही है ? कि 59 लोगों की हत्या के जिम्मेदार किसी अपराधी को सजा ए मौत दे सके ? पहले तो निर्णय आने मे 15 वर्षों का समय लग गया, मुख्य आरोपी समेंत काफी लोगों को पहले ही बरी कर दिया गया।  

दूसरा निर्णय दीपावली के पटाखे पर पाबंदी को ले कर आया, यह निर्णय मुझे कही से भी गलत नही लगता, पिछला साल याद है जब दिवाली के बाद दिल्ली की आबोहवा मे जहर घुल गया था, महीनों तक क्लियर विजीब्लिटी तक नही थी, प्रदूषण का स्तर खतरनाक लेवल पर था! ऐसे मे पटाखों पर रोक लगना सही है, दीपावली मनाने के अन्य विकल्प है लेकिन लोगों को आपत्ति पटाखों पर रोक से नही है बल्कि उच्चतम न्यायालय के दोहरे रवैये पर है।  एक तरफ इनको दही हांडी पर लगने वाली चोट से समस्या तो है, जली कट्टू मे बैलों के लड़ाई में पशू हिंसा नजर आता है, दीवाली का प्रदूषण समस्या है, लेकिन एक दिन मे लाखों पशुओं की बलि, करोड़ो लीटर पानी की बर्बादी, फिर हजारो लीटर खून नदियों मे गिरा देना समस्या या प्रदूषण, हिंसा नही लगता। 

अदालतो का यह दोहरा रवैया अदालत की विश्वसनीयता पर बड़ा प्रश्नचिन्ह लगाता है, जिसका जवाब उनको जल्दी तलाशना होगा। 

अन्त मे मेरे लिए बड़ी खबर गोधरा कांड के अपराधियों को फाँसी की सजा ना होना है, दीपावली तो हम मनाते रहेंगे लेकिन जिनके परिवार वालों ने अपने घर के सदस्य की अधजली लाश देखी थी और उनका कसूर सिर्फ इतना था कि वो रामभक्त थे और अयोध्या से लौट रहे थे, उनके परिवार वाले दीपावली कैसे मनायेंगे ? 
लेकिन यहाँ तो पटाखा बड़ा मुद्दा बन गया है ? 
आखिर कब तक इसी तरह हिन्दुओ पर अत्याचार होता रहेगा।  

गोधरा आज भी न्याय का इंतज़ार कर रहा है।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

भारत के देवव्रत ने अपनी NI (Natural Intelligence) से दुनिया को चौंका दिया है।

ये है भारत के gen-z की ताकत.. 🔥 दुनिया एक तरफ जहाँ AI (Artificial Intelligence) से हैरान है, वहीं भारत के देवव्रत ने अपनी NI (Natural Intel...