तैमूर खान १३६९ में समंदर का क्रूर राजा बना , और उसने क्रूरता में सारी हदे पार कर दी. एशिया के मंगोल लोग मुसलमान बन गए थे या यूं भी कहा जा सकता है कि उनको मुसलमान बना दिया गया था। वह मुसलमान तो था पर मुसलमानो पर भी ज़रा रहम नहीं करता था। उसका शासन जहां जहां तक बना वहां पर उसने आतंक ही फैलाया और लाखों करोडो हिन्दुओ को धर्म बदलवाया और हजारो के साथ वहसीपन किया। उत्त्तर भारत पर तैमूर मंगोलो की फ़ौज लेकर आया उसका कोई मुकाबला नहीं हो सका और उसने लोगो को मारकर उनकी खोपड़ियों का ढेर लगाना शुरू कर दिया। एसा करने में उसे मजा आता था। उसने कई हिन्दुओ का कत्लेआम किया। वह इंसान और जानवरो में फर्क नहीं करता था। जब वह अपनी सेना को संभाल नहीं पाया तो उसने अपनी सेना को ही मरवाना शुरू कर दिया और सेना में ही कत्लेआम करवा दिया
अब विषय पर आते है जो लोग तैमूर और बाबर को महान बताने को पीछे नहीं हटते है। वो लोग स्वयं भी वैसी ही मानसिकता को बढ़ावा देना चाह रहे है जिसने सालो पहले दुनिया में आतंक फैलाया था , तो क्या सैफ और करीना के नव जन्मे बच्चे का नाम तैमूर रखना क्या उनकी निजी सोच का परिणाम है ? क्या उनको मुस्लिम समाज में कोई और नाम नहीं मिला ? क्या हिन्दुओ में कभी क्रूर विचारधारा वाले दुर्योधन या कंस या रावण का नाम रखा ? नहीं ना तो फिर तैमूर क्यों रखा ? शायद आपके पास इन सवालो के जवाब नहीं हो पर एक बात तो स्पष्ट है कि कोई भी माता पिता अपने बच्चो का नाम वो ही रखते है जो वो स्वयं बनना चाहते है .
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