08 सितंबर 2015

यूरोपीय देशों में शरणार्थियों का प्रवेश बहुत बड़े खतरे की घंटी हो सकती है क्योंकि

यूरोपीय देशों में शरणार्थियों का प्रवेश बहुत बड़े खतरे की घंटी हो सकती है क्योंकि हो सकता है कि उनमें कुछ आतंकवादी हो!!!!
इन मुसलमान शरणार्थी लोगो को "शरण" देने वाले देश के लोग एक दिन "खुद शरणार्थी" बन जायेगे....
सुन्नी आतंकियों से जान बचाकर भाग दुसरे देशो में शरणार्थी मुस्लिम.....
फोटो में आप देखेगे सीरिया और इराक में हो रहे कत्लेआम से अपनी ज़िन्दगी बचाते उन तमाम शिया, कुर्द, यजदी इत्यादि मुस्लिमो को, जिन की ज़िन्दगी को सुन्नी मुस्लिम आतंकवादी संघटन ISIS ने नरक से भी बुरी बना दिया है|
आप फोटो में देखेगे कि " जिस देश जिन लोगो को ज़िन्दगी भर बुरी नज़र से देखते आये मुस्लिम लोग आज उन्ही काफ़िर लोगो और उन ही काफ़िर देशो में शरण लेने के लिए उन देशो की सीमा पर प्रवेश के लिए जी तोड़ मेहनत कर रहे है|
सुन्नी मुस्लिम आतंकवादियों ने शिया मुस्लिम, कुर्द और यजीदी की ज़िन्दगी कैसी कर दी है और आज वहां के हालत कैसे है इस को जानने के लिए आप लिंक http://tinyurl.com/oeqooje, लिंक http://tinyurl.com/osqvkvh और लिंक http://tinyurl.com/ph8op59 पर click कर के देखे|
अब इतिहास से जोड़ कर इस घटना को समझते है|
प्राचीन काल में हजारो साल से कबीला सभ्यता का केंद्र ये इस्लामिक देश रहे है| जहाँ एक कबीला दुसरे काबिले पर हमला करता था| दुसरे काबिले के लोगो की बर्बरता के साथ हत्या कर उन की महिलाओं-बेटियों , सोना-चांदी, जानवर आदि पर कब्ज़ा कर लेता था और कमज़ोर कबीला अपनी जान बचाने के लिए किसी दूसरी जगह चला जाता है| और फिर वहां एक नयी शुरुवात कर के बस्ती बनता और जब उस में थोड़ी भी शक्ति आ जाती तो फिर वह भी पहले की तरह किसी दुसरे काबिले पर हमला कर के उस पर कब्ज़ा करने की कोशिश करता | ऐसा हजारो साल तक चला| उस के बाद देश बन गए और कबीलावाद खत्म हो गया|
फिर उस के बाद एक बार फिर से इस विचार को तब हवा मिली जब खिलाफत आन्दोलन शुरू हुआ| परन्तु 70-80 के दशक में जब अमरिका और सोवियत संघ ने इन काबिले वाले देशो के कट्टरपंथियों को शीत युद्ध में काम देना शुरू किया तो अफगानिस्तान में तालिबान का जन्म हुआ और उस ने इस कबिलेवाद को इस हद तक बढ़ा दिया कि लोग हजारो साल इतिहास को फिर से जीने लगे|
इस तालिबान ने अफगानिस्तान में लोगो को मरना शुरू किया और अफगानी अपना घर-शहर और देश छोड़ कर दुसरे देशो में बसने लगे|मुस्लिम देशो से आये मुस्लिम लोगो मरे हुए-रोते हुए लुटे हुए थे उस को जिन्दा रखने के लिए दुसरे देशो ने उन की मदद की|
उस के बाद ऐसे ही तमाम मुस्लिम देशो में दहशतगर्दी बढती गयी और मुस्लिम लोग काबिले वाली ज़िन्दगी जीने लगे उन्होंने अपने परिवार-घर-देश तक को छोड़ कर दुसरे देशो मेंअपनी नयी ज़िन्दगी शुरू की|
उस के बाद ये काबिलेवादी लोगो ने कामधाम शुरू किया और इन लोगो ने शक्ति आ गयी| जिस के बाद उन लोगो ने एक बार फिर से दुसरे देशो में अपनी अलग बस्ती बना ली और उस के बाहर इस्लाम और जिहाद के नारों से दीवारे रंग दी|
अगर आप ब्रिटेन में जायेगे या फ्रांस में जायेगे तो आप को जिहाद के नारों से दीवारे पुती हुई नज़र आएगी ऐसे ही आप को भारत के असम-पश्चिम बंगाल में बंगालदेश से आये मुस्लिमो का आतंक साफ़-साफ़ नज़र आएगा|
जिन देशो ने इन लोगो की मदद की आज उन ही देशो में ये लोग अलग शरिया कानून की मांग करते है| बुरखा ना पहन कर आने वाला लड़कियों को मरते है और हलाल खाना ना मिलने पर तोड़ फोड़ करते है|

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