02 फ़रवरी 2014

मैं कुछ बातें इन पंक्तियों के प्रबुद्ध पाठकों से जानना चाहता हूँ| कृपया मुझे इसकी जानकारी दें|



(1) विश्व के किस देश में हिन्दुओं को अल्पसंख्यक का अधिकारिक व संविधानिक दर्जा प्राप्त है, और उन्हें अल्पसंख्यक के नाम पर क्या दुविधा प्राप्त है| इसकी कहीं भी कोई जानकारी मुझे नहीं मिली|
पाकिस्तान और बांग्लादेश में भी अधिकारिक रूप से हिन्दुओं को अल्पसंख्यक का दर्जा प्राप्त नहीं है और उन्हें अल्पसंख्यक बोल कर कोई सुविधा प्राप्त नहीं है| वे वहाँ जीवित है यह भी एक चमत्कार है|
जब कोई हिन्दू किसी दुकान से कुछ सामान लेने जाता है तब मुस्लिम दुकानदार उससे सीधे हाथ में पैसे नहीं लेता और पैसे नीचे रखाकर चिमटे से उठता है और बाकि बचे खुले पैसे तिरस्कारपूर्वक नीचे भूमि पर ऐसे फेंक कर देता है जैसे किसी भिखारी को दे कर अहसान कर रहा है|
वहाँ हिन्दू लडकियाँ पढने स्कूल नहीं जा सकती क्योंकि उनका अपहरण कर लिया जाता है|

(2) भारत में जब धर्म के नाम पर अल्पसंख्यकों को विशेष सुविधा प्राप्त है तो यह सुविधा यहूदी धर्म के अनुयायियों को क्यों नहीं है| वह क्या कारण था कि भारत से अधिकाँश यहूदी परिवार भारत छोड़कर इजराइल जा बसे| मुझे कभी इजराइल जाने का अवसर तो नहीं मिला पर यूरोप में बेल्जियम में भारतीय मूल के कुछ यहूदियों से मिलना हुआ है|

(3) जब धर्म के नाम पर कुछ अल्पसंख्यकों को भारत में विशेष सुविधाएं प्राप्त हैं तो ये सुविधाएँ उन लोगों को क्यों नहीं है जो किसी भी धर्म में आस्था नहीं रखते| वे भी तो धार्मिक अल्पसंख्यक है|
नास्तिकों को भी अल्पसंख्यक का दर्जा प्राप्त होना चाहिए|
किसी समर्थवान नास्तिक को इस पर उच्चतम न्यायालय में एक अपील कर सकारात्मक फैसला करवाना चाहिए| धन्यवाद|

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