07 जुलाई 2012

यमुना की सफाई के नाम पर अब तक साढ़े तीन हजार करोड़ रुपए खर्च --=-0

दिल्ली में यमुना की सफाई के नाम पर अब तक साढ़े तीन हजार करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं। ढाई हजार करोड़ रुपए अभी और खर्च होने हैं। दिल्ली में यमुना में अठारह बड़े नाले गिरते हैं, जिनमें नजफगढ़ का नाला सबसे बड़ा और सबसे अधिक प्रदूषित है। इस नाले में शहरी इलाकों के अड़तीस और ग्रामीण इलाकों के तीन नाले गिरते हैं। यह नाला वजीराबाद पुल के बाद सीधे यमुना में गिरता है। वजीराबाद, आईटीओ और ओखला में तीन बांध हैं। मकसद यमुना के पानी को रोक कर दिल्ली को पेयजल की जरूरत को पूरा करना है। वजीराबाद पुल से पहले तो फिर भी यमुना का पानी पीने लायक दिखता है। लेकिन यमुना यहां से आगे बढ़ती है तो नजफगढ़ का नाला इसमें गिरता है और फिर पानी का रंग बदल कर काला हो जाता है। कश्मीरी गेट बस अड्डे पर बने पुल से गुजरने पर एक तरफ नाले जैसी दिखती यमुना की धारा के बीच झोपड़ी डाल कर साग-सब्जी उगाने वाले किसान दिखाई देते हैं तो दूसरी तरफ दर्जनों की संख्या में धोबी घाट। इससे बदतर हालत लोहे वाले पुल से दिखाई देती है। एक तरफ यमुना में कचरे का अंबार दिखता है तो दूसरी तरफ काला स्याह पानी। आईटीओ पुल, निजामुद्दीन और टोल ब्रिज से गुजरने पर दो-तीन धाराओं में बहती यमुना नदी कम बड़ा नाला ज्यादा नजर आती है।

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