भारत सोने की चिडिया कहलाता था....क्यों?????"
१.एक अंग्रेज थॉमस बेब मैकाले(टी.बी. मैकाले)...ये भारत में आया ......करीब १७ साल भारत में रहा...भारत में घूमा ...और इंग्लेण्ड की संसद में २ फरवरी १८३५ को इसने भारत के बारे में कहा कि" मैं भारत के अत्तर से दक्षिण और पूर्व से पश्चिम मतलब हर जगह गया...पर ना तो कोई चोर देखा ना ही कोई भिखारी....भारत में इतना धन ...इतनी समृद्दि है कि इन्हें गुलाम बनाना मुश्किल है. मैं जिस किसी के घर में गया वहां सोने-चांदी के सिक्को का ढेर ऐसे लगा रहता है...जैसे गेहूँ चने का ढेर...और वो इन्हें कभी गिन नहीं पाते...क्योंकि फुर्सत ही नहीं थी"
२, एक अंग्रेज इतिहासकार विलियम बिग बी ने भारत के बारे में एक किताब लिखी है...उसमें कहा है...अंग्रेजों के पहले का भारत...सर्वश्रेष्ठ कृषि प्रधान देश ही नहीं सबसे बडा औधोगिक और व्यापारिक देश था... भारत की भूमि इतनी उपजाऊ है जितनी कि...सी भी देश की नहीं है...भारत के व्यापारी सर्वश्रष्ठ है...भारत कपडा ही नहीं हर उत्पाद विश्व में सबसे अच्छा है...जब भारत के व्यापारी सारे उत्पाद विदेशों में बेचते हैं तो बदले में सोने-चाँदी की माँग करते हैं...भारतीय वस्तुएं सबसे अत्तम है...और इन्हे बनाने का हुनर सिर्फ और सिर्फ भारतीय ही जानते है....जब ये वस्तुएं बाजारो में बिकती है तो सोना और चादी ऐसे प्रवाहित होता है जएसे नदियो में पानी...और जैसे नदी महासागर मे समा जाती है...उसी तरह ये सोना चादी भारत में समा जाता है...आगे कहता है...कि ये सोना भारत में आता तो है पर एक ग्राम भी बाहर नहीं जाता...क्यों कि भारतीय हर वस्तु का उत्पादन कर लेते है,,कुछ खरीदने की जरुरत ही नहीं है"
३.एक फ्रांसीसी फ्रांसवा पियार्ड...१७११ में भारत के बारे में किताब लिखी...उसमें से कुछ"मेरे अनुसार भारत में ३६ तरह के ऐसे उध्य्प्ग चलते हैं जिन्में उत्पादिन हर व्स्तु विदेशॉ मे जाती है....भारत के सभी उत्पाद सर्वश्रेष्ठ..कलापूर्ण और कीमत में सबसे सस्ते हैं...और मुझे जो प्रमाण मिले हैं उनसे पता चलता है कि भारत का निर्यात पिछले ३००० सालों से निर्बाधित रूप से चल रहा है अगर गणना करें तो महात्मा बुद्ध से ६५० साल पहले से व्यापार चल रहा है"
4.एक स्कार्टिस मार्टिन लिखता...है कि जिस समय ब्रिटेन के निवासी बर्बर जंगली जानवरो की तरह जीवन बिताते थे तब भारत में दुनिया का सबसे बेहतरीन कपडा बनता था...और सारी दुनिया में बिकता था....और कहता है कि मुझे यह स्वीकार करने में बिल्कुल शर्म नहीं आती की भारतवासियों ने सारी दुनिया को कपडा बनाना और पहनना सिखाया है रोमन साम्राज्य में जितने भी राजा-रानी हुए वो सब भारत से ही कापडा मंगाते रहें है"
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