जब भारत की सरकार स्वामी रामदेव जी के फंडे पर काम करके ३० करोड नौकरियों का जुगाड ...मात्र १० साल में कर सकती है तो वह आरक्षण के पीछे क्यों पड़ी हुई है. पढ़िए कैसे......Share करिये
.
.
.
.
.
.
१-आज के दिन भारत की लाखो चोटी मोटी खिलौना बनाने वाली कम्पनिय इसलिय बंद हो गयी की सरकार की तरफ से उनको न तो कोई आर्थिक मदद मिली न तकनीकी, यदि १०० का औसत पकडे तो करीब २ करोड लोग बेरोजगार हो गए.
२-भारत में साबुन से लेकर बनियान तक बनाने वाली ५००० विदेशी कंपनियों ने भारत का सब रोजगार (करीब १२ करोड) विदेशो में भेज दिया है साथ ही साथ हर साल करीब १५-१६ लाख करोड रुपये विदेश जा रहा है.
३-इस पर तुर्रा यह की रोज रोज एफ डी आई को नए नए क्षेत्र में खोला जा रहा है. यदि खुदरा में भी एफ डी आई खोल दिया जाये तो भारत का १२ करोड रोजगार और भारत से बाहर विदेशो में पैदा होगा जिससे भारत के लोग और बेरोजगार होंगे.
४-स्वामी रामदेवजी ने कितने लोगो को स्थाई रोजगार अपने योग और आयुर्वेद के बल पर दिया है इस पर किसी ने ध्यान नहीं दिया है. इनके हर आरोग्य केंद्र पर ५-६ लोगो को नौकरी मिल रही है. एक एक जिले में २-४ ऐसे केंद्र हैं और भारत में ६२८ जिले हैं. इसके बाद इनका उत्पाद बेचने वाले हर दूकान पर २-४ लोगो को नौकरी मिली हुई है और यह केंद्र अब हर गाव में खोलने की योजना है तो सोचिये मात्र देशी चीजों से कितना रोजगार पैदा होगा. पतंजलि योगपीठ में भी शायद ८००० लोग नौकरी करते है. यदि गाय –खेती-योग-आयुर्वेद की चौकड़ी पर ध्यान दिया जाये तो इससे कम से कम ५ करोड रोजगार मात्र ३ साल में पैदा हो जायेगा तथा विदेशियों पर निर्भरता कम हो जायेगी.
५-जिस तरह से अमेरिका भारत को तेल को लेकर परेशानी में डाल रहा है, स्वामी रामदेव जी की चले तो गो हत्या बंद करवाकर उसी गोबर गैस को सिलिंडर में भर कर गाडियों में सी एन जी जैसा उपयोग किया जाये और हर घर पर २०० वाट का सोलर पैनल दिखे.
६-वकीलों की जमात कांग्रेस सरकार अंग्रेजो की तरह ही ५०० रुपये और ५ लाख करोड रुपये के भ्रष्टाचार को बराबर मानकर पहले ५०० रुपये वाले को जेल भेजती है बाद में जनता को आरक्षण और कुशवाहां जैसे मामलों में उलझाकर महत्वपूर्ण समय बिताकर इलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीन से जीत हासिल कर लेती है.
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें