भारत की राजनीती भी अजीब है दोस्तों। आजादी के बाद ७० सालो से देश की सत्ता पर राज करती आ रही पार्टी कांग्रेस ने एक बार फिर से सिद्ध कर दिया की वो देश को जोड़ने की बजाय तोड़ने में यकींन रखती है। और समय समय पर कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ राजनेताओ के भाषण में या उनके द्वारा किसी मंत्री पद पर रहते लिए गए फैसले हो। ऐसा ही एक और फैसला आज सामने आया है आगामी माह में कर्नाटक में चुनाव होने वाले है। इन्ही चुनावों को दृष्टिगत रखते हुवे और जनता को अपने प्रति आकर्षित करने के लिए इस बार फिर से कांग्रेस ने तोड़ने वाली राजनीती को अपनाकर हुन्दुओं में फुट डालने का प्रयास किया जा रहा है दो दोस्तों अब मुख्या मुद्दे पर आते है। कर्नाटक के मुख्या मंत्री ने वहा के मूल नागरिक में से एक लिंगायत पंथ को गैर हिन्दू मानकर उनको एक अलग धर्म की संज्ञा दी जा रही है। अब इसी कड़ी में हिन्दुओ में एक और टुकड़ा करने का प्रयास किया जा रहा हे। चूँकि लिंगायत पंथ का कर्नाटक में २० प्रतिशत वोट बैंक है और कांग्रेस पर से जनता को विश्वास भी काम होता जा रहा है इसी लिए उसने ये कदम उठाने का काम किया है। सदियों से हिन्दू को आपस में बांटकर पहले मुगलो ने राज किया, फिर अंग्रेजो ने फुट डालो शासन करो से राज किया और पिछले ७० वर्षो से मुगलो और अंग्रेजो के ही पथ पर चलकर कांग्रेस भी वही काम करती आ रही है. क्या कोई पार्टी का स्तर इतना गिर सकता है की वो देश की सम्प्रभुता को ही समाप्त करने पर आमादा हो जाए। पर ऐसा हो रहा था और अभी भी हो रहा है. आज देश में हिन्दुओ की जनसख्या में जिस गति से गिरावट आ रही है वो भी सोचने का विषय है. देश की राजनीतिक पार्टिया चंद वोटो के खातिर किस है हद तक लोगो को बाँटने की राजनीती करते है ये हम देख सकते है।
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21 मार्च 2018
फुट डालो शासन करो से राज पिछले ७० वर्षो से मुगलो और अंग्रेजो के ही पथ पर चलकर कांग्रेस भी वही काम करती आ रही है.
भारत की राजनीती भी अजीब है दोस्तों। आजादी के बाद ७० सालो से देश की सत्ता पर राज करती आ रही पार्टी कांग्रेस ने एक बार फिर से सिद्ध कर दिया की वो देश को जोड़ने की बजाय तोड़ने में यकींन रखती है। और समय समय पर कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ राजनेताओ के भाषण में या उनके द्वारा किसी मंत्री पद पर रहते लिए गए फैसले हो। ऐसा ही एक और फैसला आज सामने आया है आगामी माह में कर्नाटक में चुनाव होने वाले है। इन्ही चुनावों को दृष्टिगत रखते हुवे और जनता को अपने प्रति आकर्षित करने के लिए इस बार फिर से कांग्रेस ने तोड़ने वाली राजनीती को अपनाकर हुन्दुओं में फुट डालने का प्रयास किया जा रहा है दो दोस्तों अब मुख्या मुद्दे पर आते है। कर्नाटक के मुख्या मंत्री ने वहा के मूल नागरिक में से एक लिंगायत पंथ को गैर हिन्दू मानकर उनको एक अलग धर्म की संज्ञा दी जा रही है। अब इसी कड़ी में हिन्दुओ में एक और टुकड़ा करने का प्रयास किया जा रहा हे। चूँकि लिंगायत पंथ का कर्नाटक में २० प्रतिशत वोट बैंक है और कांग्रेस पर से जनता को विश्वास भी काम होता जा रहा है इसी लिए उसने ये कदम उठाने का काम किया है। सदियों से हिन्दू को आपस में बांटकर पहले मुगलो ने राज किया, फिर अंग्रेजो ने फुट डालो शासन करो से राज किया और पिछले ७० वर्षो से मुगलो और अंग्रेजो के ही पथ पर चलकर कांग्रेस भी वही काम करती आ रही है. क्या कोई पार्टी का स्तर इतना गिर सकता है की वो देश की सम्प्रभुता को ही समाप्त करने पर आमादा हो जाए। पर ऐसा हो रहा था और अभी भी हो रहा है. आज देश में हिन्दुओ की जनसख्या में जिस गति से गिरावट आ रही है वो भी सोचने का विषय है. देश की राजनीतिक पार्टिया चंद वोटो के खातिर किस है हद तक लोगो को बाँटने की राजनीती करते है ये हम देख सकते है।
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