एक सूत्र राजीव दीक्षित जी की कलम से आप पढ़ें !
हम लोग कभी भी कुछ भी खाते रहते हैं । ये कभी भी कुछ भी खाने पद्ध्ती भारत की नहीं है, ये युरोप की है । युरोप में doctors वो हमेशा कहते रहते है की थोडा थोडा खाते रहो, कभीभी खाते रहो । हमारे यहाँ ये नहीं है, आपको दोनों का अंतर समझाना चाहता हूँ । बागवटजी कहते है की, खाना खाते का समय निर्धरित करें । और समय निर्धरित होगा उससे जब आप के पेट में अग्नी की प्रबलता हो । जठरग्नि की प्रबलता हो । बागवटजी ने इस पर बहुत रिसर्च किया और वो कहते है की, डेढ दो साल की रिसर्च के बाद उन्हें पता चला की जठरग्नि कौन से समय मे सबसे ज्यादा तीव्र होती है । तो वो कहते की सूर्य का उदय जब होता है, तो सूर्य के उदय होने से लगभग ढाई घंटे तक जठरग्नि सबसे ज्यादा तीव्र होती है ।
फिर आप कहेगे दोपहर को भूख लगी है तो थोडा और खा लीजीए । लेकीन बागवट जी कहते है की सुबह का खाना सबसे ज्यादा । अगर आज की भाषा में अगर मे कहूँ तो आपका नाष्टा भरपेट करे । और अगर आप दोपहर का भोजन आप कर रहे है तो बागवटजी कहते है की, वो थोडा कम करिए नाश्ते से थोडा 1/3 कम कर दीजीए और रात का भोजन दोपहर के भोजन का 1/3 कर दीजीए । अब सीधे से आप को कहता हूँ । अगर आप सवेरे 6 रोटी खाते है तो दोपहर को 4 रोटी और शाम को 2 रोटी खाईए । अगर आप को आलू का पराठा खाना है आपकी जीभ स्वाद के लिए मचल रही है तो बागवटजी कहते है की सब कुछ सवेरे खाओ, जो आपको खानी है सवेरे खाओ, हाला की अगर आप जैन हो तो आलू और मूली का भी निषिध्द है आपके लिए फिर अगर जो जैन नहीं है, उनके लिए ? आपको जो चीज सबसे ज्यादा पसंद है वो सुबह आओ । रसगुल्ला , खाडी जिलेबी, आपकेा पसंद है तो सुबह खाओ । वो ये कहते हे की इसमें छोडने की जरूरत नहीं सुबह पेट भरके खाओ तो पेट की संतुष्टी हुई , मन की भी संतुष्टी हो जाती है ।
अब मैने(राजीव भाई ने ) ये बागवटजी के सूत्रों को चारो तरफ देखना शुरू किया तो मुझे पता चला की मनुष्य को छोडकर जीव जगत का हर प्राणी इस सूत्रा का पालन कर रहा है । मनुष्य अपने को होशियार समझता है । लेकिन मनुष्य से ज्यादा होशियारी जीव जगत के प्राणीयों मे है । आप चिडीया को देखो, कितने भी तरह की चिडीये, सबेरे सुरज निकलते ही उनका खाना शुरू हो जाता है , और भरपेट खाती है । 6 बजे के आसपास राजस्थान, गुजरात में जाओ सब तरह की चिडीया अपने काम पर लग जाती है। खूब भरपेट खाती है और पेट भर गया तो चार घंटे बाद ही पानी पीती है । गाय को देखिए सुबह उठतेही खाना शुरू हो जाता है । भैंस, बकरी ,घोडा सब सुबह उठते ही खाना खाना शुरू करंगे और पेट भरके खाएँगे । फिर दोपहर को आराम करेंगे तो यह सारे जानवर ,जीवजंतू जो हमारी आँखो से दीखते है और नही भी दिखते ये सबका भोजन का समय सवेरे का हैं । सूर्योदय के साथ ही थे सब भोजन करते है । इसलिए, थे हमसे ज्यादा स्वस्थ रहते है ।
मैने आपको कई बार कहा है आप उस पर हँस देते है किसी भी चिडीया को डायबिटीस नही होता किसी भी बंदर को हार्ट अॅटॅक नहीं आता । बंदर तो आपके नजदीक है ! शरीर रचना मे बस बंदर और आप में यही फरक है की बंदर को पूछ है आपको नहीं है बाकी अब कुछ समान है । तो ये बंदर को कभी भी हार्ट अॅटॅक, डासबिटीस ,high BP ,नहीं होता ।
तो सुबह के खाने का समय तय करिये । तो समय मैने आपका बता दिया की, सुरज उगा तो ढाई घंटे तक । माने 9.30 बजे तक, ज्यादा से ज्यादा 10 बजे तक आपक भोजन हो जाना चाहिए । और ये भोजन तभी होगा जब आप नाश्ता बंद करेंगे । ये नाष्ता हिंदुस्थानी चीज नहीं है । ये अंग्रेजो की है और आप जानते है हमारे यहाँ क्या चक्कर चल गया है , नाष्टा थोडा कम, करेंगे ,लंच थोडा जादा करेंगे, और डिनर सबसे ज्यादा करेंगे । सर्वसत्यानाष । एकदम उलटा बागवटजी कहेते है की, नाष्टा सबसे ज्यादा करो लंच थोडा कम करो और डिनर सबसे कम करो । हमारा बिलकूल उलटा चक्कर चल रहा है !
ये अग्रेज और अमेरिकीयो के लिए नाष्टा सबसे कम होता है कारण पता है ??वो लोग नाष्टा हलका करे तो ही उनके लिए अच्छा है। हमारे लिए नाष्टा ज्यादा ही करना बहूत अच्छा है । कारण उसका एकही है की अंग्रेजो के देश में सूर्य जलदी नही निकलता साल में 8-8 महिने तक सूरज के दर्शन नहीं होते और ये जठरग्नी है । नं ? ये सूरज के साथ सीधी संबंध्ति है जैसे जैसे सूर्य तीव्र होगा अग्नी तीव्र होगी । तो युरोप अमेरिका में सूरज निकलता नहीं -40 तक . तापमान चला जाता है 8-8 महिने बर्फ पडता है तो सूरज नहीं तो जठरग्नी तीव्र नहीं हो सकती तो वो नाष्टा हेवियर नही कर सकते करेंगे तो उनको तकफील हो जाएँगी !
अब हमारे यहाँ सूर्य हजारो सालो से निकलता है और अगले हजारो सालों तक निकलेगा ! तो हमने बिना सोचे उनकी नकल करना शुरू कर दिया ! तो बाग्वट जी कहते है की, सुबह का खाना आप भरपेट खाईए । ? फिर आप इसमें तुर्क - कुतुर्क मत करीए ,की हम को दुनिया दारी संभालनी है , किसलिए ,पेट के लिए हीं ना? तो पेट को दूरूस्त रखईये , तो मेरा कहना है की, पेट दुरूस्त रखा तो ही ये संभाला तोही दुनिया दारी संभलती है और ये गया तो दुनिया दारी संभालकर करेंगे क्या?
मान लीजिए, पेट ठीक नहीं है , स्वास्थ ठीक नहीं है , आप ने दस करोंड कमा लिया क्या करेंगे, डॉक्टर को ही देगे ना ? तो डॉक्टर को देने से अच्छा किसी गोशाला वाले को दिजीए ;और पेट दुरूस्त कर लिजिए । तो पेट आपका है तो दुनिया आपकी है । आप बाहर निकलिए घरके तो सुबह भोजन कर के ही निकलिए । दोपहर एक बजे में जठराग्नी की तीव्रता कम होना शुरू होता है तो उस समय थोडा हलका खाए माने जितना सुबह खाना उससे कम खाए तो अच्छा है। ना खाए तो और भी अच्छा । खाली फल खायें , ज्यूस दही मठठा पिये । शाम को फिर खाये ।
अब शाम को कितने बजे खाएं ???
तो बाग्वट जी कहते हैं हमे प्रकति से बहूत सीखने की जरूरत हैं । दीपक । भरा तेल का दीपक आप जलाना शुरू किजीए । तो पहिली लौ खूप तेजी से चलेगी और अंतिम लव भी तेजी से चलेगी माने जब दीपक बूजने वाला होगा, तो बुझने से पहले ते जीसे जलेगा , यही पेट के लिए है । जठरग्नी सुबह सुबह बहूत तीव्र होगी और शमा को जब सूर्यास्त होने जा रहा है, तभी तीव्र होगी, बहुत तीव्र होगी । वो कहते है , शामका खाना सूरज रहते रहते खालो; सूरज डूबा तो अग्नी भी डूबी । तो वैसे जैन दर्शन में कहा है सभी भोजन निषेध् है बागवटजी भी यही कहते है ,तरीका अलग है ,बस । जैन दर्शन मे अहिंसा के लिए कहते है,वो स्वास्थ के लिए कहेते है । तो शाम का खाना सूरज डुबने की बाद दुनिया में ,कोई नहीं खाता । गाय ,भैंस को खिलाके देखो नहीं खाएगी ,बकरी ,गधे को खिलाके देखो, खाता नहीं । हा बिलकूल नहीं खाता । आप खाते है , तो आप अपने को कंम्पेअर कर लीजीए किस के साथ है आप ? कोई जानवर, जीवटाशी सूर्य डूबने के बाद खाती नही ंतो आप क्यू खा रहे है ?
प्रकृती का नियम बागवटजी कहते है की पालन करीए माना रात का खाना जल्दी कर दीजिए ।
सूरज डुबने के पहले 5.30 बजे - 6 बजे खायिए । अब कितना पहले ? बागवट जीने उसका कॅल्क्यूलेशन दिया है, 40 मिनिट पहले सूरज चेन्नई से शाम 7 बजे डूब रहा है । तो 6.20 मिनट तक हिंदूस्थान के किसी भी कोने में जाईए सूरज डूबने तक 40 मिनिट तक निकलेगा । तो 40 मिनिट पहले शाम का खाना खा लिजीए और सुबह को सूरज निकलने के ढाई घंटे तक कभी भी खा लीजीए । दोनो समय पेट भरके खा लिजिए । फिर कहेंगे जी रात को क्या ? तो रात के लिए बागवटजी कहेते है की, एक ही चीज हैं रात के लिए की आप कोई तरल पदार्थ ले सकते है । जिसमे सबसे अच्छा उन्होंने दूध कहा हैं । बागवटजी कहते है की, शाम को सूरज डूबने के बाद ‘हमारे पेट में जठर स्थान में कुछ हार्मोन्स और रस या एंझाईम पैदा होते है जो दूध् को पचाते है’ । इसलिए वो कहते है सूर्य डूबने के बाद जो चीज खाने लायक है वो दूध् है । तो रात को दूध् पी लीजीऐ । सुबह का खाना अगर आपने 9.30 बजे खाया तो 6.00 बजे खूब अच्छे से भूक लगेगी ।
फिर आप कहेंगे जी, हम तो दुकान पे वैठे है 6 बजे तो डब्बा मँगा लीजिए । दुकान में डिब्बा आ सकता है । हाँ दुकान में आप बैठे है, 6 बजे डब्बा आ सकता है और मैं आपको हाथ जोडकर आपसे कह रहाँ हूँ की आप मेरे से अगर कोई डायबिटीक पेशंट है, कोई भी अस्थमा पेशंट है, किसी को भी बात का गंभीर रोग है आज से ये सूत्रा चालू कर दिजीए । तीन महिने बाद आप खुद मुझे फोन करके कहंगे की, राजीव भाई, पहले से बहुत अच्छा हूँ sugar level मेरा कम हो रहा है ।
अस्थमा कम हो रहा है। ट्रायग्लिसराईड चेक करा लीजीए, और सूत्रा शुरू करे, तीन महीने बाद फिर चेक करा लीजीए, पहले से कम होगा, तो ये सूत्रा बागवटजी का जितना संभव हो आप ईमानदारी से पालन करिए वो आपको स्वस्थ रहने में बहुत मदद करेगा !!
पूरी post पढ़ी बहुत बहुत धन्यवाद !
हम लोग कभी भी कुछ भी खाते रहते हैं । ये कभी भी कुछ भी खाने पद्ध्ती भारत की नहीं है, ये युरोप की है । युरोप में doctors वो हमेशा कहते रहते है की थोडा थोडा खाते रहो, कभीभी खाते रहो । हमारे यहाँ ये नहीं है, आपको दोनों का अंतर समझाना चाहता हूँ । बागवटजी कहते है की, खाना खाते का समय निर्धरित करें । और समय निर्धरित होगा उससे जब आप के पेट में अग्नी की प्रबलता हो । जठरग्नि की प्रबलता हो । बागवटजी ने इस पर बहुत रिसर्च किया और वो कहते है की, डेढ दो साल की रिसर्च के बाद उन्हें पता चला की जठरग्नि कौन से समय मे सबसे ज्यादा तीव्र होती है । तो वो कहते की सूर्य का उदय जब होता है, तो सूर्य के उदय होने से लगभग ढाई घंटे तक जठरग्नि सबसे ज्यादा तीव्र होती है ।
फिर आप कहेगे दोपहर को भूख लगी है तो थोडा और खा लीजीए । लेकीन बागवट जी कहते है की सुबह का खाना सबसे ज्यादा । अगर आज की भाषा में अगर मे कहूँ तो आपका नाष्टा भरपेट करे । और अगर आप दोपहर का भोजन आप कर रहे है तो बागवटजी कहते है की, वो थोडा कम करिए नाश्ते से थोडा 1/3 कम कर दीजीए और रात का भोजन दोपहर के भोजन का 1/3 कर दीजीए । अब सीधे से आप को कहता हूँ । अगर आप सवेरे 6 रोटी खाते है तो दोपहर को 4 रोटी और शाम को 2 रोटी खाईए । अगर आप को आलू का पराठा खाना है आपकी जीभ स्वाद के लिए मचल रही है तो बागवटजी कहते है की सब कुछ सवेरे खाओ, जो आपको खानी है सवेरे खाओ, हाला की अगर आप जैन हो तो आलू और मूली का भी निषिध्द है आपके लिए फिर अगर जो जैन नहीं है, उनके लिए ? आपको जो चीज सबसे ज्यादा पसंद है वो सुबह आओ । रसगुल्ला , खाडी जिलेबी, आपकेा पसंद है तो सुबह खाओ । वो ये कहते हे की इसमें छोडने की जरूरत नहीं सुबह पेट भरके खाओ तो पेट की संतुष्टी हुई , मन की भी संतुष्टी हो जाती है ।
अब मैने(राजीव भाई ने ) ये बागवटजी के सूत्रों को चारो तरफ देखना शुरू किया तो मुझे पता चला की मनुष्य को छोडकर जीव जगत का हर प्राणी इस सूत्रा का पालन कर रहा है । मनुष्य अपने को होशियार समझता है । लेकिन मनुष्य से ज्यादा होशियारी जीव जगत के प्राणीयों मे है । आप चिडीया को देखो, कितने भी तरह की चिडीये, सबेरे सुरज निकलते ही उनका खाना शुरू हो जाता है , और भरपेट खाती है । 6 बजे के आसपास राजस्थान, गुजरात में जाओ सब तरह की चिडीया अपने काम पर लग जाती है। खूब भरपेट खाती है और पेट भर गया तो चार घंटे बाद ही पानी पीती है । गाय को देखिए सुबह उठतेही खाना शुरू हो जाता है । भैंस, बकरी ,घोडा सब सुबह उठते ही खाना खाना शुरू करंगे और पेट भरके खाएँगे । फिर दोपहर को आराम करेंगे तो यह सारे जानवर ,जीवजंतू जो हमारी आँखो से दीखते है और नही भी दिखते ये सबका भोजन का समय सवेरे का हैं । सूर्योदय के साथ ही थे सब भोजन करते है । इसलिए, थे हमसे ज्यादा स्वस्थ रहते है ।
मैने आपको कई बार कहा है आप उस पर हँस देते है किसी भी चिडीया को डायबिटीस नही होता किसी भी बंदर को हार्ट अॅटॅक नहीं आता । बंदर तो आपके नजदीक है ! शरीर रचना मे बस बंदर और आप में यही फरक है की बंदर को पूछ है आपको नहीं है बाकी अब कुछ समान है । तो ये बंदर को कभी भी हार्ट अॅटॅक, डासबिटीस ,high BP ,नहीं होता ।
तो सुबह के खाने का समय तय करिये । तो समय मैने आपका बता दिया की, सुरज उगा तो ढाई घंटे तक । माने 9.30 बजे तक, ज्यादा से ज्यादा 10 बजे तक आपक भोजन हो जाना चाहिए । और ये भोजन तभी होगा जब आप नाश्ता बंद करेंगे । ये नाष्ता हिंदुस्थानी चीज नहीं है । ये अंग्रेजो की है और आप जानते है हमारे यहाँ क्या चक्कर चल गया है , नाष्टा थोडा कम, करेंगे ,लंच थोडा जादा करेंगे, और डिनर सबसे ज्यादा करेंगे । सर्वसत्यानाष । एकदम उलटा बागवटजी कहेते है की, नाष्टा सबसे ज्यादा करो लंच थोडा कम करो और डिनर सबसे कम करो । हमारा बिलकूल उलटा चक्कर चल रहा है !
ये अग्रेज और अमेरिकीयो के लिए नाष्टा सबसे कम होता है कारण पता है ??वो लोग नाष्टा हलका करे तो ही उनके लिए अच्छा है। हमारे लिए नाष्टा ज्यादा ही करना बहूत अच्छा है । कारण उसका एकही है की अंग्रेजो के देश में सूर्य जलदी नही निकलता साल में 8-8 महिने तक सूरज के दर्शन नहीं होते और ये जठरग्नी है । नं ? ये सूरज के साथ सीधी संबंध्ति है जैसे जैसे सूर्य तीव्र होगा अग्नी तीव्र होगी । तो युरोप अमेरिका में सूरज निकलता नहीं -40 तक . तापमान चला जाता है 8-8 महिने बर्फ पडता है तो सूरज नहीं तो जठरग्नी तीव्र नहीं हो सकती तो वो नाष्टा हेवियर नही कर सकते करेंगे तो उनको तकफील हो जाएँगी !
अब हमारे यहाँ सूर्य हजारो सालो से निकलता है और अगले हजारो सालों तक निकलेगा ! तो हमने बिना सोचे उनकी नकल करना शुरू कर दिया ! तो बाग्वट जी कहते है की, सुबह का खाना आप भरपेट खाईए । ? फिर आप इसमें तुर्क - कुतुर्क मत करीए ,की हम को दुनिया दारी संभालनी है , किसलिए ,पेट के लिए हीं ना? तो पेट को दूरूस्त रखईये , तो मेरा कहना है की, पेट दुरूस्त रखा तो ही ये संभाला तोही दुनिया दारी संभलती है और ये गया तो दुनिया दारी संभालकर करेंगे क्या?
मान लीजिए, पेट ठीक नहीं है , स्वास्थ ठीक नहीं है , आप ने दस करोंड कमा लिया क्या करेंगे, डॉक्टर को ही देगे ना ? तो डॉक्टर को देने से अच्छा किसी गोशाला वाले को दिजीए ;और पेट दुरूस्त कर लिजिए । तो पेट आपका है तो दुनिया आपकी है । आप बाहर निकलिए घरके तो सुबह भोजन कर के ही निकलिए । दोपहर एक बजे में जठराग्नी की तीव्रता कम होना शुरू होता है तो उस समय थोडा हलका खाए माने जितना सुबह खाना उससे कम खाए तो अच्छा है। ना खाए तो और भी अच्छा । खाली फल खायें , ज्यूस दही मठठा पिये । शाम को फिर खाये ।
अब शाम को कितने बजे खाएं ???
तो बाग्वट जी कहते हैं हमे प्रकति से बहूत सीखने की जरूरत हैं । दीपक । भरा तेल का दीपक आप जलाना शुरू किजीए । तो पहिली लौ खूप तेजी से चलेगी और अंतिम लव भी तेजी से चलेगी माने जब दीपक बूजने वाला होगा, तो बुझने से पहले ते जीसे जलेगा , यही पेट के लिए है । जठरग्नी सुबह सुबह बहूत तीव्र होगी और शमा को जब सूर्यास्त होने जा रहा है, तभी तीव्र होगी, बहुत तीव्र होगी । वो कहते है , शामका खाना सूरज रहते रहते खालो; सूरज डूबा तो अग्नी भी डूबी । तो वैसे जैन दर्शन में कहा है सभी भोजन निषेध् है बागवटजी भी यही कहते है ,तरीका अलग है ,बस । जैन दर्शन मे अहिंसा के लिए कहते है,वो स्वास्थ के लिए कहेते है । तो शाम का खाना सूरज डुबने की बाद दुनिया में ,कोई नहीं खाता । गाय ,भैंस को खिलाके देखो नहीं खाएगी ,बकरी ,गधे को खिलाके देखो, खाता नहीं । हा बिलकूल नहीं खाता । आप खाते है , तो आप अपने को कंम्पेअर कर लीजीए किस के साथ है आप ? कोई जानवर, जीवटाशी सूर्य डूबने के बाद खाती नही ंतो आप क्यू खा रहे है ?
प्रकृती का नियम बागवटजी कहते है की पालन करीए माना रात का खाना जल्दी कर दीजिए ।
सूरज डुबने के पहले 5.30 बजे - 6 बजे खायिए । अब कितना पहले ? बागवट जीने उसका कॅल्क्यूलेशन दिया है, 40 मिनिट पहले सूरज चेन्नई से शाम 7 बजे डूब रहा है । तो 6.20 मिनट तक हिंदूस्थान के किसी भी कोने में जाईए सूरज डूबने तक 40 मिनिट तक निकलेगा । तो 40 मिनिट पहले शाम का खाना खा लिजीए और सुबह को सूरज निकलने के ढाई घंटे तक कभी भी खा लीजीए । दोनो समय पेट भरके खा लिजिए । फिर कहेंगे जी रात को क्या ? तो रात के लिए बागवटजी कहेते है की, एक ही चीज हैं रात के लिए की आप कोई तरल पदार्थ ले सकते है । जिसमे सबसे अच्छा उन्होंने दूध कहा हैं । बागवटजी कहते है की, शाम को सूरज डूबने के बाद ‘हमारे पेट में जठर स्थान में कुछ हार्मोन्स और रस या एंझाईम पैदा होते है जो दूध् को पचाते है’ । इसलिए वो कहते है सूर्य डूबने के बाद जो चीज खाने लायक है वो दूध् है । तो रात को दूध् पी लीजीऐ । सुबह का खाना अगर आपने 9.30 बजे खाया तो 6.00 बजे खूब अच्छे से भूक लगेगी ।
फिर आप कहेंगे जी, हम तो दुकान पे वैठे है 6 बजे तो डब्बा मँगा लीजिए । दुकान में डिब्बा आ सकता है । हाँ दुकान में आप बैठे है, 6 बजे डब्बा आ सकता है और मैं आपको हाथ जोडकर आपसे कह रहाँ हूँ की आप मेरे से अगर कोई डायबिटीक पेशंट है, कोई भी अस्थमा पेशंट है, किसी को भी बात का गंभीर रोग है आज से ये सूत्रा चालू कर दिजीए । तीन महिने बाद आप खुद मुझे फोन करके कहंगे की, राजीव भाई, पहले से बहुत अच्छा हूँ sugar level मेरा कम हो रहा है ।
अस्थमा कम हो रहा है। ट्रायग्लिसराईड चेक करा लीजीए, और सूत्रा शुरू करे, तीन महीने बाद फिर चेक करा लीजीए, पहले से कम होगा, तो ये सूत्रा बागवटजी का जितना संभव हो आप ईमानदारी से पालन करिए वो आपको स्वस्थ रहने में बहुत मदद करेगा !!
पूरी post पढ़ी बहुत बहुत धन्यवाद !
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें