सैकड़ो
भारतीयो के खून से अपने हाथ रंगने वाले , मुस्लिम आतंकवादी अजमल कसाब की
फांसी का इंतजार हर हिन्दू सालो से कर रहा था, कसाब पर भारत के खिलाफ
अघोषित युद्ध छेड्ने का भी आरोप लगा था ,आज सुनकर बहुत खुशी हुयी लेकिन एक
बात समझ नहीं आई कि जिस पाकिस्तानी आतंकवादी ने भारत मे आकर सड़कों पर
निर्दोष जनता का खून बहाया, नागरिको को बंधक बनाया, विस्फोट किए, अघोषित
युद्ध कर डाला तो ऐसे कसाब की फांसी से किसे आपत...
्ति
थी ? हम हिन्दुओ को तो नहीं , क्या किसी भारतीय को होनी चाहिए? नहीं न !
तो फिर कसाब को बिना किसी पूर्वसूचना के अकस्मात फांसी देने का क्या कारण ?
चलो कोई रहा होगा लेकिन -
जेल के मेन्युल मे साफ लिखा है कि अगर किसी मुस्लिम को फांसी दी जाती है या वो सड़-गल कर मर जाता है , और उसके शव को लेने वाला कोई न हो तो उसे किसी मुस्लिम धर्म संस्था को सौप दिया जाये, ताकि उसी की रीति रिवाजो के अनुसार उसका अंतिम संस्कार हो......तो फिर कसाब को यरवदा जेल में ही गुपचुप फांसी देकर उसी मे तुरंत क्यो दफना दिया गया?
इस जल्लाद की फांसी के बाद की न तो कोई मेडिकल रिपोर्ट सार्व
जनिक की गयी और न ही कोई विडियो या फोटो .... हम कैसे माने कसाब मर ही गया है ? न हमने फोटो देखा , न विडियो देखा , न लाश देखी , न कोई मेडिकल रिपोर्ट देखी और सिर्फ खबर सुनी तो वो भी इतनी संदेहास्पद स्थितियो में ...तो कुछ तो प्रस्तुत किया जाता है न देश को दुनिया को दिखाने को , कॉंग्रेस ने क्यो नहीं दिखाया?हम कैसे मान ले कि फांसी हुयी है
हमेशा से ही अपनी कुटिल घिनौनी चाले चलने मे माहिर कॉंग्रेस ने फिर से चाल चली और डेंगू से मरे कसाब को रस्सी से लटकाकर, अपने राजनैतिक फायदे के लिए फांसी का शोर मचा दिया गया ताकि हिन्दू जनता को मूर्ख बनाकर राजनैतिक लाभ लिया जा सके । कॉंग्रेस की चालो मे हमेशा हिन्दू ही क्यो क्यो पिसता है ? हिन्दू ही क्यो ठगा जाता है ?
कोर्ट की हर सुनवाई में दया की गुहार लगाने वाले, खुद को बेकसूर बताने वाले कसाब ने अचानक हुयी फासी मे कोई अंतिम इच्छा भी प्रकट नहीं की , ऐसा वहा के मंत्री चाव्हाण जी ने कहा है ? क्या हमारे सर पर सींग है बेवकूफ कोंग्रेसीयो? क्या हमे समझ नहीं आता कि जो कसाब अपनी हर सुनवाई मे जज के आगे अपनी कम उम्र का हवाला देते खुद के लिए दया की गुहार लगाता था, उसने अपनी कोई अंतिम इच्छा ही प्रकट नहीं की ?
अब किसी अरुंधति रॉय, शबाना आजमी , तीस्ता शीतलवाड़ , मेघा पाटेकर जैसे अफजल गुरु के लिए न्याय की गुहार लगाने वाले कथित मानवतावादी कसाब की मौत का सच जानने के लिए आंदोलन चलाने के स्थान पर चुपचाप क्यो बैठे है ?
जेल के मेन्युल मे साफ लिखा है कि अगर किसी मुस्लिम को फांसी दी जाती है या वो सड़-गल कर मर जाता है , और उसके शव को लेने वाला कोई न हो तो उसे किसी मुस्लिम धर्म संस्था को सौप दिया जाये, ताकि उसी की रीति रिवाजो के अनुसार उसका अंतिम संस्कार हो......तो फिर कसाब को यरवदा जेल में ही गुपचुप फांसी देकर उसी मे तुरंत क्यो दफना दिया गया?
इस जल्लाद की फांसी के बाद की न तो कोई मेडिकल रिपोर्ट सार्व
जनिक की गयी और न ही कोई विडियो या फोटो .... हम कैसे माने कसाब मर ही गया है ? न हमने फोटो देखा , न विडियो देखा , न लाश देखी , न कोई मेडिकल रिपोर्ट देखी और सिर्फ खबर सुनी तो वो भी इतनी संदेहास्पद स्थितियो में ...तो कुछ तो प्रस्तुत किया जाता है न देश को दुनिया को दिखाने को , कॉंग्रेस ने क्यो नहीं दिखाया?हम कैसे मान ले कि फांसी हुयी है
हमेशा से ही अपनी कुटिल घिनौनी चाले चलने मे माहिर कॉंग्रेस ने फिर से चाल चली और डेंगू से मरे कसाब को रस्सी से लटकाकर, अपने राजनैतिक फायदे के लिए फांसी का शोर मचा दिया गया ताकि हिन्दू जनता को मूर्ख बनाकर राजनैतिक लाभ लिया जा सके । कॉंग्रेस की चालो मे हमेशा हिन्दू ही क्यो क्यो पिसता है ? हिन्दू ही क्यो ठगा जाता है ?
कोर्ट की हर सुनवाई में दया की गुहार लगाने वाले, खुद को बेकसूर बताने वाले कसाब ने अचानक हुयी फासी मे कोई अंतिम इच्छा भी प्रकट नहीं की , ऐसा वहा के मंत्री चाव्हाण जी ने कहा है ? क्या हमारे सर पर सींग है बेवकूफ कोंग्रेसीयो? क्या हमे समझ नहीं आता कि जो कसाब अपनी हर सुनवाई मे जज के आगे अपनी कम उम्र का हवाला देते खुद के लिए दया की गुहार लगाता था, उसने अपनी कोई अंतिम इच्छा ही प्रकट नहीं की ?
अब किसी अरुंधति रॉय, शबाना आजमी , तीस्ता शीतलवाड़ , मेघा पाटेकर जैसे अफजल गुरु के लिए न्याय की गुहार लगाने वाले कथित मानवतावादी कसाब की मौत का सच जानने के लिए आंदोलन चलाने के स्थान पर चुपचाप क्यो बैठे है ?
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