12 सितंबर 2012

जातिवाद reservation या antireservation पर आपस में झगरना

जातिवाद reservation या antireservation पर आपस में झगरना ये दोनों ही जाती वाद हैंअपने अपने सवार्थ की लड़ाई है सरकारी नौकरिओं के लिये ,ऐसे लोग देश प्रेम नहीं समझ सकते ,हिन्दू वाद ,व मुस्लिम वाद ,व इसाई वाद ,व बोध्ह वाद , या सिख वाद ,सिर्फ अपने अपने धरम के लिये भी लडने वाले देश प्रेम को नहीं समझ सकते देश प्रेमी भगत सिंग यदि सिख वाद के लिये ही लडते तो कभी भी शहीद न होते इस्सी तरह जितने भी देश में शहीद
हुए हैं वो जाती व धरम पर लडने वाले नहीं हुए देश पर मर मिटने वाले हुए हैं ,इस्सी तरह फ़ौज में भी जाती वाद ,धरम पर लडने वाले हों और उनमे देश प्रेम न हो तो वो देश की रक्षा यानि की आपकी रक्षा नहीं कर सकते ,इस्सी तरह धन के लालची भी देश प्रेमी नहीं हो सकते चाहे वो भरष्ट corporate हों या भरष्ट नेता कभी सोचो की कितने धरम व जातिओं के प्रेमी देश के लिये शहीद हुए हैं देश प्रेम अलग है अपना सवर्थ किसी भी तरह का हो वो अलग है ,आज भी कितने नेताओं के बचे फ़ौज में हैं या कितने सिर्फ अपने धरम जाती का सोचने वाले लालची फ़ौज में हैं ,सवार्थी व लालची सिर्फ देश तोड़ सकते हैं जोड़ नहीं सकते और न ही कभी आप उनसे उम्मीद करो की ये देश को जोडेंगे !!!!!!

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