20 सितेम्बर 2012 को बीजेपी एवं अन्य दलो द्वारा भारत बंद रखा गया लेकिन क्या सरकार पर इसका जरा भी असर हुआ या सिर्फ देश की जनता को ही परेशानीयो का सामना करना पड़ा। सही मायने में देखा जाये तो भारत बंद से मात्र जनता को ही परेशान होना पड़ा। आम जनता को कही भी राहत नहीं हे। सरकार आये दिन लोगो की रोजमर्रा के वस्तुओ के दाम बदाती है . कभी अनाज को भंडारित कर लेती हे और वो भी इतना की खुले में पड़ा अनाज बरसात में गिला होकर सड़ने के लिए दाल दिया जाता हे फिर अनाज के दाम बढाकर विदेशो से महंगे दाम में ख़रीदा जाता है। जिस कारन देश में अनाज की अच्छी पदावर होने के बाद भी देश की जनता को महंगे दाम में अनाज खरीदना पड़ता है। एवं कई लोगो को भूखा जीवन यापन करना पड़ता है। और विपक्षी दलों द्वारा मात्र वोट बैंक की राजनीती की जाती हे। ऐसा करके सरकार देश की अर्थव्यवस्स्था को किस दिशा में ले जा रही हे। क्या देश की जनता ने इन नेताओ को इसलिए चुनकर संसद में भेजा था की मौका आने पर वो देश को अंग्रेजो की तरह गुलाम बनाकर मनमानी करती रहे। देश की आम जनता आँखे होकर भी अन्धो और बहारो की तरह मात्र दर्शक बनकर देश को विदेशो के हाथो में गुलाम होते हुए देखती रहे। आज समय आ गया हे देश की जनता को अपनी आवाज़ में एक साथ मिलकर इस सरकार को हटाकर एक इसी सरकार बनाने का जो देश की आम जनता की समस्याओ को समझ सके और उस देशा में सकारात्मक कदम उठाकर देश को विश्व गुरु बना सके।
धन्यवाद
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