अपना तो देश ही ऐसा है अहिंसा वादी ,
बिल क्लींटेन जब भारत आए थे तब सिक्योरिटी के नाम पर राष्टपिता महात्मा गॉधी की समाधी पर कुत्ते घुमा दिए थे ,
हमने तो तब भी हमारे महमान को कुछ नही बोला क्या करे इंडियन कल्चर ही कुछ ऐसा है अमेरिका से कैसे बात करनी चाईए ये तो इराक़ और अफ़ग़ानिस्तान ही अच्छी तरह जानते है दो चार और सदाम जैसे ओर आ जाये तो इनको पता चल जाए की अतिथि से कैसे व्यवहार करना चाईए
बिल क्लींटेन जब भारत आए थे तब सिक्योरिटी के नाम पर राष्टपिता महात्मा गॉधी की समाधी पर कुत्ते घुमा दिए थे ,
हमने तो तब भी हमारे महमान को कुछ नही बोला क्या करे इंडियन कल्चर ही कुछ ऐसा है अमेरिका से कैसे बात करनी चाईए ये तो इराक़ और अफ़ग़ानिस्तान ही अच्छी तरह जानते है दो चार और सदाम जैसे ओर आ जाये तो इनको पता चल जाए की अतिथि से कैसे व्यवहार करना चाईए
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें