हर बार पेट्रोल कम्पनियों को घाटा होने का बहाना बना कर पेट्रोल और डीजल के दाम बड़ा रही हे सरकार.
अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के भाव में जरा सा भी बड़ने पर भारत में भी तुरंत भाव बड़ा देती हे सरकार लेकिन जब अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के भाव कम होते हे तब क्या सरकार सोती हुई होती हे या देश की जनता को गुमराह तो नहीं कर रही हे ये सरकार.
सरकार पेट्रोल ५०० रू लीटर डीजल ४०० रु लीटर और गैस ५०००.०० रु के दाम करना चाहती ही ताकि देश की सारी जनता महंगाई और कर्ज के कारन आत्महत्या करके अपने आपको समाप्त कर दे. in sabka jimmedar kaun hoga ?
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें