साल 20030…दो लड़के पार्क में बैठे बातें कर रहे हैं…
पहला- तुम रोज़ी-रोटी के लिए क्या करते हो…
दूसरा-सुबह अख़बार बांटता हूं, फिर दस घंटे नौकरी करता हूं, शाम को ट्यूशन पढ़ाता हूं, रात में चौकीदारी करता हूं…मेरी छोड़ो, तुम अपनी बताओ, तुम्हें मैंने कभी कुछ करते नहीं देखा…
पहला-यार, क्या बताऊं, आज से दो सौ पीढ़ी पहले हमारे यहां एक शरद पवार हुए थे…वो इतना कमा गए कि हमें आज तक कुछ करने की ज़रूरत नहीं पड़ी!
पहला- तुम रोज़ी-रोटी के लिए क्या करते हो…
दूसरा-सुबह अख़बार बांटता हूं, फिर दस घंटे नौकरी करता हूं, शाम को ट्यूशन पढ़ाता हूं, रात में चौकीदारी करता हूं…मेरी छोड़ो, तुम अपनी बताओ, तुम्हें मैंने कभी कुछ करते नहीं देखा…
पहला-यार, क्या बताऊं, आज से दो सौ पीढ़ी पहले हमारे यहां एक शरद पवार हुए थे…वो इतना कमा गए कि हमें आज तक कुछ करने की ज़रूरत नहीं पड़ी!
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