30 नवंबर 2016

प्रधानमंत्री मोदी ने देश में बीजेपी के कुछ नेताओ और पत्रकारों से भी पंगा ले लिया है, जो कालेधन के कुबेर है. #notbandi

प्रधानमंत्री मोदी ने देश में बीजेपी के कुछ नेताओ  और पत्रकारों से भी पंगा ले लिया है , जो कालेधन के कुबेर है. शीर्ष पर इस देश का प्रधानमंत्री बहुत अकेला है। उनके गोआ वाले भाषण में ये बात बहुत उभर कर सामने आई हैं। मोदी जी बहुत ज़िद्दी भी है। भले ये बर्बाद हो जायेगे,  अब मोदी आरपार की लड़ाई में है। अब इनको सिर्फ़ देशवासियों का ही सहारा है। ज़मीनी नेता होने की वजह से मोदीजी में एक ख़ास क़िस्म का साहस भी है जो कभी-कभी दुस्साहस की सीमा को भी छू आता है। 
निजी स्वार्थ में ही सही लेकिन अगले ५० दिन देश की जनता को प्रधानमंत्री जी का साथ देना ही पड़ेगा। 

आप भी साथ दे.
 
निवदेन ..
आप सभी से निवेदन है की मोदी जी का मीडिया आपको ही बनना पड़ेगा।
लोगों को असुविधा हो रही हो तो साधारण लोगों को मोदी के खिलाफ करने की कोशिश सिरे चढ़ते देर नही लगती ।
ऐसा होने से आप ही बचाएंगे।
 
मैं किसी भी पार्टी का भक्त नही हूँ. सबके खिलाफ लिखता रहा हूँ।

पर मोदीजी तो आज भारत की सबसे बड़ी धरोहर है इसको संजोये रखना हमारी सबसे बड़ी जिम्मेदारी है.
इसलिए आप सबसे अपील है  कि इस राष्ट्रवादी कार्य में देश आपके धैर्य सहयोग और समर्पण की आवश्यकता महसूस कर रहा है। अगर आपने कभी माँ भारती की जय बोली है, भगतसिंह राजगुरु सुखदेव को श्रद्धा सुमन अर्पित किये है, जय हिन्द के नारे लगाये हैं, नेताजी सुभाष चन्द को आपना आदर्श पुरुष माना है  तो आज आपकी आवश्यकता ये देश महसूस कर रहा है। आज वक्त आ गया है की जिस व्यक्ति ने आपनी मातृभूमि के लिए अपना घर परिवार भाई बंधु और यहाँ तक की जीवन संगनी को छोड़ कर सब कुछ हमारे उत्थान को ही जीवन का लक्ष्य बनाया हो।उसे आज हम भी अहसास करा दें की उनका निर्णय किसी भी तरह गलत नही था ।
 
यहाँ कविवर नीरज की पंक्तिया जीवंत हो रही हैं

मेरे हिमालय के पासबानो। गुलिस्तां के बागबानों।
उठो सदियों की नींद तजके तुम्हे वतन फिर पुकारता है।
लिखो बहारों के नाम ख़त ऐसा की फूल बन जाये ये खार सारे।
लगा दो रौशनी की कलमें कि जमीं पर उगने लगें सितारे।।
पलट दो पिछले हिसाब ऐसे , उल्ट दो गम के नकाब ऐसे,जैसे सोई हुई कली का घूंघट भंवरा उघाड़ता है।
उठो सदियों की नींद त्याग के कि तुम्हे वतन फिर पुकारता है

 

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