18 अक्तूबर 2016

वर्ग विशेष के वोटों के लिए ममता ने ऐसा आत्मघाती दांव चला कि पं. बंगाल में दंगे भड़क उठे


पं. बंगाल में ममता सरकार जनता के लिए कितनी बेरहम हो सकती है, यह पं. बंगाल में देखा जा सकता है। 

वर्ग विशेष के वोटों के लिए ममता ने ऐसा आत्मघाती दांव चला कि पं. बंगाल में दंगे भड़क उठे। यह तब हुआ जबकि चंद रोज पहले कलकत्ता हाई कोर्ट ने ममता के फैसले को वर्ग विशेष को खुश करने वाला करार देते हुए बचने की सलाह दी थी।


ममता को हिदायत देते समय कोर्ट के लफ्ज थे-  it an “endeavour” to “appease the minority section”। यानी यह अल्पसंख्यकों को खुश करने का एक प्रयास  है, फिर भी ममता की पुलिस ने मुहर्रम को लेकर दुर्गा मूर्तियों के विसर्जन पर नए नियम थोपे तो पिछले गुरुवार से भड़की हिंसा की भेंट अब तक 30 से ज्यादा घर, दुकानें चढ़ चुकी हैं। दो दर्जन से ज्यादा लोग घायल हैं। हिंदुओं के इलाकों से मुसलमान तो मुसलमानों के इलाके से हिंदू घर-बार छोड़कर भाग निकले हैं।

ममता के एक फैसले ने दोनों संप्रदाय के लोगों की जिंदगी का चैन-सुकून छीन लिया। चार दिनों की हिंसा में  घायलों का आधिकारिक आंकड़ा अफसर भी बता पाने में नाकाम हैं। दो दर्जन के घायल होने की बात कही जा रही है।  पुलिस अफसर मिश्रित आबादी वाले इलाकों पर नजर रखे हैं। कहते हैं कि स्थित तनावपूर्ण मगर नियंत्रण में है।
और इस खबर को देश का मीडिया भी नहीं बता रहा है , जो मीडिया अखलाक की मौत पर चौबीसो घंटो लाइव डिबेट चला रहा था , वो आज आँखे बंदकर कर बैठा है, सिर्फ मात्र ज़ी न्यूज़ ने ये खबर देश की जनता को बताई है. 

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